जबलपुर के रांझी क्षेत्र में रहने वाला 15 साल का बालक फरवरी माह में अचानक लापता हो गया। परिजनों ने उसकी काफी तलाश की, लेकिन अब तक उसका कोई पता नहीं चल पाया है। बताया जा रहा है कि यह नाबालिग अपने पड़ोस में रहने वाले एक व्यक्ति के साथ कामकाज सीखने के लि
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फरवरी तक बालक की अपने दादा से मोबाइल पर नियमित बातचीत होती रही, लेकिन उसके बाद अचानक उसका फोन बंद हो गया।
पड़ोसी ने दामाद के पास भेजा था काम सीखने
जबलपुर निवासी मुकेश श्रीपाल ऑटो ड्राइवर हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि उनके पड़ोसी शिवकुमार गुप्ता की बेटी खुशबू का विवाह झांसी मऊरानीपुर निवासी अनिल से हुआ है। दीपावली के बाद पड़ोसी ने श्रीपाल के 15 वर्षीय नाती को दुकान का काम सीखने के लिए अपनी बेटी और दामाद के पास भेज दिया था।
15 फरवरी को अचानक बालक का मोबाइल बंद हो गया। इसके बाद परिजन झांसी जाकर उसकी तलाश में जुटे, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लग पाया। परिजनों ने स्थानीय थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज करवाई।
तीन महीने से अधिक समय से लापता
बालक को लापता हुए तीन महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन अब तक उसकी कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। इसी को लेकर परिजनों ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की, जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश पुलिस को निर्देश दिए कि वे एक संयुक्त टीम गठित कर बालक की तलाश करें और 7 दिन में रिपोर्ट अदालत में पेश करें।
बच्चे की तलाश के लिए 7 दिन का समय दिया गया
याचिकाकर्ता मुकेश श्रीपाल की ओर से अधिवक्ता अभिषेक ऋषि ने कोर्ट को बताया कि बालक के लापता होने के बाद से परिवार गहरे सदमे में है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिए हैं, कि एक संयुक्त टीम गठित कर बच्चों की तलाश की जाए और इसके लिए 7 दिन का समय दिया गया है।