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India Pakistan War: बृजभूषण शरण सिंह ने मल्लिकार्जुन खरगे के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जांच की मांग पर पलटवार करते हुए कांग्रेस पर देशविरोधी बयान देने और पाकिस्तान को खुश करने का आरोप लगाया.
पहलगाम हमला और फिर ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान में युद्ध की नौबत आ गई थी. (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
- कांग्रेस पर देशविरोधी बयान देने का आरोप लगाया गया.
- ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को सफल सैन्य अभियान बताया गया.
- 1971 में 92 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को छोड़ने पर सवाल उठाया.
अमृतसर. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जांच की मांग वाले बयान पर तीखा पलटवार किया है. उन्होंने कांग्रेस पर देश के खिलाफ बोलने और पाकिस्तान को खुश करने का आरोप लगाया.
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक ऐतिहासिक और सफल सैन्य अभियान था, जिसने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया. भारतीय सेना ने अजहर मसूद जैसे आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाया, जिससे पाकिस्तान में हाहाकार मच गया. यह सत्य है कि युद्ध में दोनों पक्षों को नुकसान होता है, लेकिन इस ऑपरेशन में भारत को कोई जनहानि नहीं हुई, जबकि पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा. कम से कम 10 और 90 का अंतर है.”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर निशाना साधते हुए बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, “कांग्रेसियों का मन पहले से ही देश के खिलाफ है. उनके बयान से पाकिस्तान में खुशी की लहर दौड़ती है. जांच इस बात की होनी चाहिए कि कांग्रेस ने देश का बंटवारा क्यों किया, मुसलमानों के लिए अलग देश क्यों बनाया गया? नेहरू ने सेना को क्यों वापस बुलाया? 1971 में 92 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को बिना शर्त क्यों छोड़ दिया गया? विपक्ष को पाकिस्तान के नुकसान पर बोलना चाहिए, न कि भारत की कमियां गिनानी चाहिए.”
तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी के बयान पर उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “राहुल गांधी कभी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते. उनका कोई विजन नहीं है, वह टुकड़े-टुकड़े गैंग और पुरानी कम्युनिस्ट विचारधारा की कठपुतली हैं. पीओके को केवल भाजपा ही भारत में वापस ला सकती है.”
तुर्की में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और जनरल मुनीर की मुलाकात पर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि अधिकांश मुस्लिम राष्ट्र भारत के साथ हैं. भारत द्वारा तुर्की के मदद किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, “हमने भी कई बार मदद की, लेकिन पीठ में खंजर खाया. हम क्या करें?”
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h…और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h… और पढ़ें