Reserve Bank of India: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी अगली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक से एक हफ्ते पहले 2024-25 के लिए अपनी एनुअल रिपोर्ट के जरिए ब्याज दरों पर अपने रुख को लेकर कुछ संकेत दिए. इससे पहले केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में कटौती की थी. अब जून के महीने में नए रेपो रेट का ऐलान किया जाएगा और लोगों को इसमें फिर से कटौती की उम्मीद है.
इस रिपोर्ट में महंगाई का दबाव कम होने का जिक्र किया गया. खासतौर पर फरवरी और मार्च 2025 में खाने-पीने की चीजों में तेज गिरावट आई है. इससे अगले साल महंगाई दर 4 परसेंट रहने का अनुमान लगाया है. ऐसे में अगर परिस्थितियां अनुकूल हो, तो नीति में ढील दी जा सकती है. केंद्रीय बैंक की तरफ से उपलब्ध आंकड़ों के हवाले से वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद इकोनॉमिक ग्रोथ का अनुमान लगाया जा रहा है.
मॉनिटरी पॉलिसी हो ग्रोथ सर्पोटिव
रिजर्व बैंक ने कहा, महंगाई में गिरावट और मॉडरेट ग्रोथ को देखते हुए मॉनिटरी पॉलिसी भी ग्रोथ सर्पोटिव होना चाहिए. साथ ही तेजी से विकसित हो रही ग्लोबल माइक्रोइकोनॉमिक स्थितियों को लेकर भी सचेत रहना चाहिए. वित्त वर्ष 26 के लिए जीडीपी ग्रोथ 6.5 परसेंट रहने का अनुमान लगाया गया है. आरबीआई की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने फरवरी से अब तक नीतिगत रेपो रेट में अब तक टोटल 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है.
2025-26 के लिए संभावनाएं आशाजनक
इस रिपोर्ट में कहा गया, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 2025-26 में संभावनाएं आशाजनक बनी हुई है, जिसे उपभोग मांग में सुधार, राजकोषीय समेकन के मार्ग पर चलते हुए पूंजीगत व्यय पर सरकार का निरंतर जोर, बैंकों और कॉरपोरेट्स की स्वस्थ बैलेंस शीट, वित्तीय स्थितियों में सुधार, सेवा क्षेत्र की निरंतर लचीलापन और उपभोक्ता और व्यावसायिक आशावाद में मजबूती के अलावा मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियादी बातों से समर्थन मिल रहा है. इसके साथ ही, रिपोर्ट में ग्लोबल ट्रेड को लेकर अनिश्चितता, भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक वित्तीय बाजार में अस्थिरता को लेकर भी आगाह किया गया.
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