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Delhi Car Blast: दिल्ली के लाल किला के पास 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट ने पूरे देश को हिला दिया है. इस घटना में 12 लोगों की मौत हो चुकी है और 20 से अधिक घायल हैं. जांच एजेंसियों ने अब इस ब्लास्ट से जुड़े 3200 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट (एक शक्तिशाली विस्फोटक) के मूल स्रोत, रूट और देश का पता लगा लिया है.
Delhi Lal Quila Car Blast Latest Updates: दिल्ली के लाल किला के पास कार ब्लास्ट ने देश को हिला दिया. लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट में 12 लोगों की मौत हो गई. धमाके वाली कार आतंकी उमर ही चला रहा था और उस ब्लास्ट में वह भी मारा गया. डीएनए सैंपल से यह कन्फर्म हो गया है कि आतंकी उमर धमाके वाली कार में था. जांच एजेंसियां दिल्ली ब्लास्ट की गुत्थी सुलझाने में लगी है. मगर एक टेंशन अब भी बरकरार है. जांच एजेंसियों की मानें तो देश में 3200 किलो विस्फोटक थे, जिनमें से 2900 किलो ग्राम विस्फोटक का पता चल गया है, मगर 300 किलो विस्फोटक अब भी मिसिंग है. उसका कोई अता-पता नहीं चल पाया है.
फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल के खिलाफ 10 नवंबर की सुबह एक्शन में 2900 किलो विस्फोटक बरामद हुए थे. हालांकि, जांच एजेंसी का कहना है कि कुल 3200 किलो अमोनियन नाइट्रेट भारत में भेजा गया था. इसका रूट भी पता चल गया है और कैसे ये अमोनियन नाइट्रेट भारत में आए थे, इसकी भी जानकारी सामने आई है. जी हां, जांच एजेंसियों ने अब इस ब्लास्ट से जुड़े 3200 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट के मूल स्रोत, रूट और देश का पता लगा लिया है. सूत्रों के अनुसार, यह विस्फोटक बांग्लादेश और नेपाल के रास्ते भारत में स्मगल किया गया था. इसमें पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का हाथ होने की आशंका है. हालांकि, 300 किलोग्राम ‘मौत का सामान’ अभी भी लापता है, जिसकी तलाश में सुरक्षा एजेंसियां कई राज्यों में छापेमारी कर रही हैं.
2900 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट का रूट
दरअसल, जम्मू-कश्मीर पुलिस और हरियाणा पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में फरीदाबाद में करीब 2900 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद की गई. यह खेप ‘व्हाइट कॉलर’ टेरर मॉड्यूल का हिस्सा थी. इसमें डॉक्टर और छात्र शामिल थे. कहा जाता है कि मुख्य आतंकी डॉ. उमर मोहम्मद ने इस विस्फोटक को इकट्ठा किया था. जांच से पता चला है कि ये विस्फोटक सामग्रियां भारत में प्रवेश करने से पहले बांग्लादेश और नेपाल से गुजरते हुए गिरप्तार आतंकवादियों तक पहुंची थीं. अमोनियम नाइट्रेट की कुल खेप 3200 किलोग्राम थी. माना जा रहा है कि इसे कई चरणों में स्मगल करके भारत लाया गया.
इसके पीछे किसका हाथ?
सूत्रों का मानना है कि यह खेप पाकिस्तान से निकली हो सकती है. पाकिस्तान से ही इसे बांग्लादेश से होते हुए नेपाल के रास्ते भारत भेजा गया हो. वैसे भी फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल कांड में आतंकियों के विदेशी हैंडलर्स से कनेक्शन सामने आ रहे हैं. फरीदाबाद टेरर कांड में अरेस्ट हुए कई आतंकी तुर्की जा चुके हैं और हैंडलर्स से मिल चुके हैं. इनमें मारा गया आतंकी उमर भी था. इनके संबंध जैश और लश्कर दोनों से बताए जा रहे हैं. ये भारत में वाइट कॉलर आतंकी की फौज खड़ी करने में लगे थे. फिलहाल, ये जानकारी जांच एजेंसियों ने आरोपी आतंकियों से पूछताछ के आधार पर दी है.
300 किलो अमोनियम नाइट्रेट मिसिंग
इस बीच लापता 300 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट पर कोई अपडेट नहीं है. दिल्ली ब्लास्ट की जांच एनआईए ने अने हाथ में ले ली है. सूत्रों के मुताबिक, 300 किलो की यह अमोनियम नाइट्रेट वाली खेप कहां है, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है. सूत्रों की मानें तो यह खेप स्लीपर सेल्स के पास हो सकती है. इसके लिए कई राज्यों में सर्च ऑपरेशन चल रहे हैं. अब तक इस मामले में करीब दर्जन भर लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें तीन डॉक्टर शामिल हैं. पुलिस का कहना है कि यह उत्तरी भारत को निशाना बनाने वाली बड़ी साजिश थी, जो समय रहते रोकी गई. लेकिन लापता विस्फोटक से खतरा बरकरार है. सूत्रों ने यह भी दावा किया कि आतंकियों के निशाने पर अयोध्या और काशी भी थी.

Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho…और पढ़ें
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