INS Aridhaman Submarine: भारत की समुद्री सीमा अब पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित होने जा रही है. भारतीय नौसेना अपनी न्यूक्लियर ट्रायड की सबसे मजबूत कड़ी को और दमदार बनाने की कगार पर है. नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने पुष्टि की है कि देश की तीसरी स्वदेशी न्यूक्लियर-पावर्ड बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन INS अरिदमन अपने अंतिम ट्रायल्स में है और जल्द ही नौसेना में कमीशन की जाएगी. यह सबमरीन एक ऐसे अजेय शिकारी की तरह है जो दुश्मन को हजारों किलोमीटर दूर से भी जवाब देने की क्षमता रखती है.
INS अरिदमन क्या है और क्यों है इतनी अहम?
3500 किमी रेंज की K-4 मिसाइलों, एडवांस्ड स्टेल्थ और हाई-पावर न्यूक्लियर रिएक्टर के साथ. (फोटो PTI)
INS अरिदमन की प्रमुख खूबियां (Bullet Points)
- 83 MW Nuclear Reactor, अनलिमिटेड ऑपरेशनल रेंज.
- 24 K-15 (750 km) या 8 K-4 (3500 km) SLBM ले जाने में सक्षम.
- एनेकोइक टाइल्स और एडवांस्ड सोनार से लैस.
- 300–450 मीटर की टेस्ट डेप्थ.
- 95–100 सदस्यों का क्रू.
- वर्टिकल लॉन्च सिस्टम (VLS) ट्यूब्स की संख्या दोगुनी (4 → 8).
- Varunastra जैसे हेवीवेट टॉरपीडो से लैस.
टेक्निकल स्पेसिफिकेशन: एक नजर
1. डिजाइन और साइज
- लंबाई: 125–130 मीटर
- चौड़ाई: 11 मीटर
- विस्थापन: 7,000 टन (डूबने पर)
2. गति और शक्ति
- डूबने पर स्पीड: 24 नॉट्स
- 83 MW न्यूक्लियर रिएक्टर
3. हथियार प्रणाली
- K-15/K-4 मिसाइल क्षमता
- 6 × 533 mm टॉरपीडो
INS अरिदमन बनाम अरिहंत और अरिघात
| सबमरीन | क्षमता | मिसाइल रेंज | VLS ट्यूब्स | स्टील्थ | शक्ति |
| INS Arihant | बेसिक SSBN | 750 km | 4 | सामान्य | पहला संस्करण |
| INS Arighat | अपग्रेडेड SSB | 750–3500 km | 4 | बेहतर | सेकंड जेनरेशन |
| INS अरिदमन | एडवांस्ड SSBN | 3500 km | 8 | हाई स्टील्थ | सबसे शक्तिशाली |
ऑपरेशन सिंदूर और अरिदमन की रणनीतिक भूमिका
नेवी चीफ ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए बताया कि भारतीय नौसेना की आक्रामक तैनाती ने पाकिस्तान नौसेना को अपने बंदरगाहों तक सीमित कर दिया था. इसी के दौरान भारत ने पानी के भीतर निगरानी और स्ट्राइक-पोज़िशनिंग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. INS अरिदमन इस रणनीतिक बढ़त को कई गुना बढ़ाने वाला प्लेटफॉर्म साबित होगा.

एनेकोइक टाइल्स और एडवांस्ड सोनार से लैस. (फोटो PTI)
भारत की न्यूक्लियर ट्रायड का सबसे मजबूत स्तंभ
INS अरिदमन की तैनाती के बाद भारत की परमाणु त्रिशक्ति (न्यूक्लियर ट्रायड) जमीन, हवा और समंदर पूरी तरह संतुलित और उच्च क्षमता वाली हो जाएगी. SSBN के जरिए भारत दुश्मन को यह संकेत देता है कि किसी भी परमाणु हमले का जवाब निश्चित और विनाशकारी होगा.
भविष्य की तैयारी (Project-75 India और Rafale-M)
इसके साथ भारत 70,000 करोड़ रुपए की लागत से छह स्टील्थ सबमरीन भी खरीदने वाला है. वहीं 26 Rafale-M की पहली खेप 2028 में आ जाएगी. INS Vikrant के एयर-विंग में ये लड़ाकू विमान नौसेना की ताकत को कई गुना बढ़ा देंगे.
INS अरिदमन क्यों बदलेगा इंडो-पैसिफिक का समीकरण?
- समुद्र में महीनों तक छिपकर रह सकता है.
- दुश्मन की किसी भी स्ट्राइक क्षमता को न्यूट्रलाइज कर सकता है.
- चीन और पाकिस्तान दोनों की समुद्री एक्टिविटी पर बड़ा दबाव बनाता है.
- भारत को स्थायी सेकंड-स्ट्राइक क्षमता प्रदान करता है.
INS अरिदमन के ऑपरेशनल होते ही भारत इंडो-पैसिफिक में एक निर्णायक रणनीतिक शक्ति के रूप में उभरेगा.

