Sunday, July 20, 2025
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50 दिन NICU मे इलाज.. नवजात को नया जीवनदान: महज 800 ग्राम था नवजात का वजन, डेड समझ स्टाफ ने डस्टबिन में रख दिया – Prayagraj (Allahabad) News


50 दिनों तक लगातार अस्पताल में भर्ती रहा बच्चा।

प्रयागराज में एक महज 800 ग्राम वजन के एक नवजात का जन्म होता है। जन्म हुआ तो अस्पताल में डॉक्टर ने परिवार वालों से कहा, बच्चा डेड है।

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करीब 40 मिनट तक वह लावारिस स्थिति में ओटी के टेबल पर पड़ा रहा। पिता के कहने के बाद जब उसे देखा गया तो पता चला कि वह उसकी सांसे चल रही है लेकिन शरीर पूरी तरह से नीला पड़ गया था। इलाज शुरू हुआ, उस नवजात को वेंटिलेटर सपोर्ट पर भी रखा गया।

लगातार 50 दिन तक उस नवजात का NICU में आक्सीजन सपोर्ट पर रखकर इलाज किया गया। अंतत: 50 दिन बाद वह नवजात स्वस्थ हुआ और उसका वजन बढ़कर करीब डेढ़ किलोग्राम हो गया। डॉक्टर ने उसे डिस्चार्ज कर दिया है।

50 दिनों तक लगातार अस्पताल में अपने बच्चे की देखभाल करते रहे पिता अनिल द्विवेदी।

सबसे पहले जानिए, कैसे और क्या हुआ?

दरअसल, मेजा के प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षक अनिल द्विवेदी की पत्नी शुभा मिश्रा प्रेग्नेंट थीं। तीसरे महीने मई में ही उन्हें रक्तस्त्राव होने लगा। 22 मई को उन्होंने लूकरगंज स्थित एक प्राइवेट हास्पिटल में डॉक्टर को दिखाया।

आखिरकार डॉक्टर ने दर्द की दवा दी। डॉक्टर ने बताया, प्रसव कराना होगा, क्योंकि पेट में पल रहे नवजात का बचना मुश्किल है, ऐसी स्थिति में मां को बचाना प्राथमिकता है।

प्रसव हुआ बच्चे का वजन महज 800 ग्राम था, शरीर पूरा नीला था। स्टाफ ने उस नवजात को डेड समझकर उसे टेबल पर एक किनारे रख दिया।

40 मिनट बाद पिता ने पूछा तो जांच के बाद पता चला कि बच्चे की हल्की सांस चल रही है। उसके बाद उसे वात्सल्य हास्पिटल लाया।

डॉ. कीर्तिका अग्रवाल।

डॉ. कीर्तिका अग्रवाल।

जीवन और मौत के बीच नवजात का संघर्ष

पिता अनिल द्विवेदी ने दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान अपनी आपबीती बताई। बताया “बच्चा 50 दिन NICU में रहा। उसे पीलिया और निमोनिया भी हुआ। हीमोग्लोबिन और प्लेटलेट भी कम होने लगा तो उसे चढ़ाया गया।”

अनिल बताते हैं, बच्चे का यह कष्ट देखकर मैं अस्पताल में अकेले घंटों रोता था। मैंने उसके इलाज में कोई कमी नहीं की। वात्सल्य हास्पिटल की डायरेक्टर डॉ. कीर्तिका अग्रवाल और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. भरत शर्मा ने जिस तरह से बताया उसे फॉलो भी किया।

50 दिन बाद उसे डिस्चार्ज किया गया है। अब घर पर भी आक्सीजन की नली लगी है, इसके लिए एक नर्स भी परमानेंट यह हायर किया हूं, जो विधिवत देखरेख करती है।

डॉक्टर बोलीं- पहला ऐसा केस

वात्सल्य हास्पिटल की डायरेक्टर डॉ. कीर्तिका अग्रवाल ने बताया कि हमारी जानकारी में यह पहला नवजात था जो लगातार 50 दिन NICU में और वेंटिलेटर पर रहा।

हेल्थ में उतार चढ़ाव होता रहा। लेकिन लगातार देखरेख और बेहतर इलाज से नवजात ठीक हो गया और उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।



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