किसानों की जीवनरेखा मानी जाने वाली माही की बायीं मुय नहर नवागांव क्षेत्र में कई जगहों पर जर्जर स्थिति में पहुंच चुकी है। नहर की दीवारें उखड़ चुकी हैं और पत्थर झांकने लगे हैं, जिससे आगामी सीजन में फिर से सीपेज की गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है। केंद्
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जिले के किसान जर्जर नहर और टूटी माही की वितरिकाओं को सुधरवाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी कागज़ों में खानापूर्ति कर देते दिखाई देते हैं। कई बार ठेके पर काम होने से ठेकेदार को तरफ से भी घटिया सामग्री उपयोग में ली जाती है लेकिन जांच के नाम खानापूर्ति की जा रही है। नवागांव के किसानों ने बताया कि पिछले वर्ष टांडीमहूडी तक बनाई गई नहर की वितरिकाओं में घटिया सामग्री का उपयोग करते हुए सीमेंट एवं गिट्टी के बजाय निर्माण काम में पत्थर भर दिए गए थे। इसकी ग्रामीणों ने मौके पर शिकायत भी की थी, लेकिन तब भी किसी अधिकारी ने उस नहर की बनी वितरिका की तरफ ध्यान नहीं दिया गए।

