बीएपी सांसद ने बैंक कर्मचारियों पर लगाए आदिवासी छात्रों से धोखाधड़ी करने के आरोप।
बांसवाड़ा – डूंगरपुर से भारत आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत ने साइबर ठगी को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए है। सांसद ने डीजीपी को लेटर लिखा है। इसमें आदिवासी क्षेत्र के 500 से ज्यादा छात्रों ओर उनके परिवार के लोगो के फर्जी बैंक खाते खोलकर उनसे 1800 कर
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खातों से किया अवैध लेन-देन
सांसद राजकुमार रोत ने लेटर में बताया कि डूंगरपुर जिले में इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र सहित अन्य बैंकों के कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आई है। बैंक कर्मियों ने कॉलेजों में जाकर छात्रों और उनके परिवारों को यह कहकर बहलाया कि उनके लिए पैन कार्ड, छात्रवृत्ति, शिक्षा ऋण और सरकारी योजनाओं के तहत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसी बहाने उनके दस्तावेज आधार कार्ड, फोटो और हस्ताक्षर लेकर बैंक खाते खोले गए और फिर इन खातों का इस्तेमाल अवैध लेन-देन में किया गया।
सांसद ने डीजीपी को लिखा पत्र।
जब छात्रों ने अपने खातों के एटीएम कार्ड मांगे तो बैंक कर्मचारियों ने तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए टालमटोल शुरू कर दिया। इसका पता तब चला जब छात्र ओर उनके परिवार के लोग बैंक पहुंचे तो बैंक प्रबंधन ने कर्मचारियों को हटाने की बात कही। वहीं, उनके खातों से अवैध लेनदेन की बात बताई।
सांसद रोत ने बताया कि ये सभी छात्र गरीब आदिवासी परिवारों से आते हैं और उनके साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन असली अपराधियों की गिरफ्तारी के बजाय पीड़ितों को परेशान कर रही है।

दोषियों पर कार्रवाई की मांग।
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
सांसद ने यह भी बताया कि यह घोटाला सिर्फ डूंगरपुर तक सीमित नहीं है। बल्कि बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, उदयपुर और दक्षिण राजस्थान के अन्य जिलों में भी इसी तरह के मामले सामने आ रहे हैं।
उन्होंने इस पूरे नेटवर्क की सीबीआई या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाने ओर गरीब आदिवासी छात्रों को न्याय दिलाने की मांग की है। साथ ही दोषियों को सख्त सजा दिलाने की मांग रखी है।