दिल्ली: अगर आप दक्षिण भारत की असली मिठास चखना चाहते हैं, तो आंध्र प्रदेश के मडुगुला गांव का मशहूर मडुगुला गुड़ हलवा जरूर आजमाइए. गाय के दूध, देसी घी, गुड़ और सूखे मेवों से बना ये हलवा सिर्फ मिठाई नहीं, बल्कि एक परंपरा का स्वाद है. जो शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति भी बढ़ाता है. पांच दिन की मेहनत से बनने वाला यह हलवा स्वाद और सेहत दोनों का बेहतरीन मेल है. दिल्ली में लगे सरस आजीविका मेले में इस हलवे ने सभी का खूब ध्यान खींचा था. आइए जानते हैं इस मशहूर हलवे की कहानी.
आंध्र प्रदेश का छोटा सा गांव मडुगुला अब पूरे देश में अपने मडुगुला हलवे की वजह से जाना जाता है. गांव के नाम से पहचान पाने वाला यह हलवा पारंपरिक तरीके से तैयार किया जाता है, जिसमें न मशीनों की भागदौड़ होती है और न किसी रासायनिक चीज का इस्तेमाल किया जाता है. सब कुछ प्राकृतिक और देसी अंदाज में होता है.
जानें मडुगुला हलवे की रेसिपी
इस हलवे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके देसी चीजों जैसे गाय का दूध, देसी घी, गुड़ और सूखे मेवे से इसे बनाया जाता है..इसे तैयार करने में पूरे पांच दिन लगते हैं. पहले तीन दिन गुड़ को लगातार उबाला जाता है, फिर उसे पीसकर दूध के साथ मिलाया जाता है. यही मिश्रण धीरे-धीरे पकता है और खुशबूदार हलवे का रूप लेता है.
तीन फ्लेवर का आता है मजा
मडुगुला हलवा तीन स्वादों में मिलता है. शक्कर वाला, गुड़ वाला और शहद वाला. इनमें से गुड़ वाला हलवा सबसे ज्यादा फेमस है. इसकी कीमत करीब 1500 रुपये प्रति 250 ग्राम है. शहद वाला हलवा 300 रुपये में और दूसरा वैरिएंट 1200 रुपये में मिलता है.
40 दिन तक बना रहता है ताजा
इस हलवे की एक और खासियत यह है कि इसे फ्रिज में रखने की जरूरत नहीं पड़ती है. अगर इसे बाहर सामान्य तापमान पर रखा जाए तो यह 40 दिन तक खराब नहीं होता है.
परंपरा में बसा है स्वाद
10 साल से इस पेशे से जुड़े वंसी बताते हैं कि उनका मकसद सिर्फ मिठाई बेचना नहीं, बल्कि अपनी परंपरा को हर घर तक पहुंचाना है. मडुगुला हलवा न सिर्फ स्वादिष्ट है, बल्कि शरीर की इम्युनिटी भी बढ़ाता है. यही वजह है कि आज यह पूरे भारत में लोकप्रिय हो रहा है.

