Sunday, July 20, 2025
HomeएजुकेशनNCERT ने कक्षा 8वीं की सोशल साइंस में किया बदलाव, जानें बाबर...

NCERT ने कक्षा 8वीं की सोशल साइंस में किया बदलाव, जानें बाबर और औरंगजेब को क्या बताया


Image Source : PIXABAY
प्रतीकात्मक फोटो

NCERT ने कक्षा 8वीं की सोशल साइंस के पार्ट 1 ‘समाज की खोज: भारत और उससे आगे’ को इसी सप्ताह जारी किया जो चल रहे एकेडमिक ईयर के लिए है। NCERT के नए किताबों में से यह पहली किताब है जिसमें छात्रों को दिल्ली सल्तनत और मुगलों के बारे में बताया गया है। इस किताब में कुछ बदलाव किए गए हैं और दिल्ली सल्तनत एवं मुगल काल में हुए धार्मिक असहिष्णुता के कई उदाहरण दिए गए हैं। आइए आपको बताते हैं कि इस किताब में बाबर, अकबर और औरंगजेब को क्या बताया गया है।

नई किताब में क्या-क्या है?

NCERT द्वारा जारी किए गए इस नए किताब में बाबर को एक क्रूर और निर्दयी विजेता बताया गया है। वहीं अकबर को सहिष्णुता और क्रूरता को मिश्रण बताया गया है। अगर औरंगजेब के बारे में बात करें तो उसे मंदिर और गुरुद्वारे को तोड़ने वाला बताया गया है और इसके साथ गैर-मुस्लिम लोगों पर टैक्स लगाने वाला बताया गया है। इस नई किताब में 13वीं शताब्दी से लेकर 17वीं शताब्दी तक के भारतीय इतिहास को बताने वाले चैप्टर ‘भारत के राजनीतिक मानचित्र का पुनर्निर्माण, दिल्ली सल्तनत के उत्थान, पतन और उसके प्रतिरोध, विजयनगर साम्राज्य, मुगलों और उनके प्रतिरोध, सिखों के उत्थान’ पर केंद्रित है।

स्पेशल नोट में क्या लिखा है?

इस नई किताब में NCERT की तरफ से यह सभी जानकारी क्यों दी गई है, उसके औचित्य को ‘इतिहास के कुछ अंधकारमय कालखंडों पर टिप्पणी’ में समझाया गया है। इतना ही नहीं इस किताब के एक चैप्टर में लोगों के लिए स्पेशल नोट के जरिए चेतावनी या फिर यूं कहें कि उनके लिए एक मैसेज है। उसमें लिखा है, ‘अतीत की घटनाओं के लिए आज किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए।’ ऐसा इसलिए किया गया है ताकि इतिहास जानने के बाद हमारे वर्तमान पर उसका नकारात्मक प्रभाव न हो।

आपको बता दें कि पहले ये सभी विषय 7वीं कक्षा की किताब में दिया जाता था लेकिन अब NCERT का कहना है कि भारतीय इतिहास का वो कालखंड जिसमें दिल्ली सल्तनत, मुगल और मराठा शामिल हैं, वो अब सिर्फ कक्षा 8वीं के नए चैप्टर्स में पढ़ाया जाएगा। आपको यह भी बताते चलें कि NCERT द्वारा बदलाव के अभी दावे किए जा रहे हैं। फिलहाल NCERT की तरफ से इस पर कोई जवाब नहीं दिया गया है और न ही कोई सफाई पेश की गई है।

(इनपुट: एएनआई)

ये भी पढ़ें-

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2025 के लिए जल्दी कर लें आवेदन, 31 जुलाई है अंतिम तारीख

भारत में Metro Cities से भी ज्यादा इन शहरों में मिल रही नौकरियां, सामने आई LinkedIn की चौंका देने वाली रिपोर्ट

Latest Education News





Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments