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Trade Deal : अमेरिका की ओर से भारत पर लगने वाले टैरिफ की डेडलाइन खत्म होने वाली है और अभी तक दोनों देशों के बीच डील पक्की नहीं हुई है. आखिर यह बातचीत अभी तक कहां पहुंची और अभी इसमें कितना समय और लगने का अनुमा…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- भारत पर 1 अगस्त से टैरिफ लागू होगा.
- अमेरिकी दल अगस्त में भारत आएगा.
- कृषि और डेयरी उत्पादों पर रियायतें विवाद का कारण.
मामले से जुडे़ एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि भारत के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर अगले दौर की वार्ता के लिए अमेरिकी दल अगस्त में भारत का दौरा करेगा. अगले दौर की वार्ता के लिए अमेरिकी टीम अगस्त के आखिर में भारत आएगी. भारत और अमेरिका के प्रतिनिधिमंडलों ने पिछले सप्ताह वाशिंगटन में समझौते के लिए पांचवें दौर की वार्ता पूरी की थी. भारत के मुख्य वार्ताकार और वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल और अमेरिका के दक्षिण एवं पश्चिम एशिया क्षेत्र के सहायक व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच ने इस वार्ता में अपनी-अपनी बात रखी है.
दोनों देश एक अगस्त से पहले एक अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिशों में लगे हुए हैं. अमेरिकी प्रशासन ने भारत सहित कई देशों पर उच्च सीमा शुल्क लगाए हुए हैं, जिनकी निलंबन अवधि एक अगस्त को खत्म होने वाली है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस वर्ष दो अप्रैल को उच्च जवाबी शुल्कों की घोषणा की थी. इस दौरान भारत पर 26 फीसदी का अतिरिक्त शुल्क लगाया गया था. हालांकि, कुछ दिन बाद ही इस शुल्क को 90 दिन के लिए यानी 9 जुलाई तक स्थगित कर दिया गया था. इसे बाद में एक अगस्त तक टाल दिया गया.
अब तक कहां पहुंची बात
प्रस्तावित व्यापार समझौते पर पांचवें दौर की वार्ता में कृषि और वाहन क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई. इस दौरान गैर-बाजार अर्थव्यवस्थाओं और स्कोमेट (विशेष रसायन, जीव, सामग्री, उपकरण और प्रौद्योगिकी) से संबंधित मामलों पर भी चर्चा हुई. अधिकारी ने बताया कि भारत और अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौता एक अगस्त से पहले होने की पूरी संभावना है और इसके लिए बातचीत जारी है.
किस पर अटका है मामला
भारत ने कृषि और डेयरी उत्पादों पर शुल्क रियायतों की अमेरिकी मांग को लेकर अपना रुख कड़ा कर लिया है. भारत ने अब तक किसी भी देश के साथ व्यापार समझौते में डेयरी क्षेत्र में कोई शुल्क रियायत नहीं दी है. कुछ किसान संघों ने सरकार से व्यापार समझौते में कृषि से संबंधित किसी भी मुद्दे को शामिल न करने का आग्रह किया है. यही अमेरिका के साथ बातचीत का सबसे बड़ा रोड़ा है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ें