दानापुर से राजद विधायक रीतलाल यादव की आज पटना सिविल कोर्ट में पेशी है। भागलपुर से उन्हें पटना लाया गया है।
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RJD विधायक रीतलाल यादव को गुरुवार को 1 मई को पटना की बेऊर जेल से भागलपुर कैंप जेल में शिफ्ट किया गया है। उन्हें T-सेल में रखा गया है। कभी इसी सेल में बाहुबली अनंत सिंह भी रहा करते थे।
17 अप्रैल को रीतलाल ने किया था सरेंडर
बेऊर जेल में रीतलाल यादव के कई लोग पहले से अलग-अलग आपराधिक मामलों में बंद हैं। बिल्डर से 50 लाख की रंगदारी मांगने के मामले में दर्ज हुए केस के बाद दानापुर के विधायक ने 17 अप्रैल को कोर्ट में सरेंडर किया था। इसके बाद उन्हें बेऊर जेल भेज दिया गया था। तब से वो यहीं थे।
सूत्रों के अनुसार, जेल के अंदर लगातार वो अपने लोगों से मिल रहे थे। इस बात की भनक पटना पुलिस को लग गई थी। पुलिस को इस बात का डर सताने लगा कि रीतलाल जेल में बैठकर अपने लोगों के जरिए कोई बड़ी आपराधिक वारदात न करवा दें।
विधायक के कनेक्शन तोड़ने के लिए पहले रिपोर्ट तैयार हुई
विधायक का अपने लोगों से कनेक्शन तोड़ने के लिए जेल से मिले इनपुट के आधार पर जिला प्रशासन ने रिपोर्ट तैयार की। उसे जेल डिपार्टमेंट को भेजा गया। रिपोर्ट में रीतलाल यादव को पटना से भागलपुर जेल में शिफ्ट करने की सिफारिश की गई। डिपार्टमेंट ने मान लिया और आदेश भी जारी कर दिया।
हालांकि, जेल प्रशासन ने आधिकारिक तौर पर इसके पीछे प्रशासनिक कारण बताया है।
भागलपुर जेल ही क्यों?
अब सवाल उठता है कि दानापुर के विधायक को भागलपुर जेल ही क्यों भेजा गया? दरअसल, पटना से भागलपुर की दूरी करीब 247 किलोमीटर है। ट्रेन से करीब 5 घंटे और रोड से 6 घंटे से अधिक का समय लगता है। ऐसे में भागलपुर जेल में रहते हुए वो डेली किसी भी अपने करीबी से नहीं मिल पाएंगे।
जेल के अंदर अपने गुर्गे भी नहीं मिलेंगे। जब कोई कनेक्शन नहीं होगा तो जेल के अंदर से किसी तरह के आपराधिक वारदात को वो अंजाम तक नहीं पहुंचा पाएंगे।
बाढ़ के घर से बरामद Ak-47 के केस में जब अनंत सिंह को बेऊर जेल में रखा गया था तो उस दौरान उन्हें भी प्रशासनिक कारण बताते हुए कुछ महीनों के लिए भागलपुर जेल शिफ्ट कर दिया गया था।

50 लाख की रंगदारी मांगने का है आरोप
रीतलाल यादव ने 17 अप्रैल 2025 को दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था, जिसके बाद उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल भेजा गया था। विधायक पर बिल्डर कुमार गौरव से 50 लाख की रंगदारी मांगने और धमकी देने का आरोप है। इस संबंध में खगौल थाने में FIR दर्ज की गई थी।
पटना पुलिस ने इस मामले में 11 अप्रैल 2025 को रीतलाल यादव के 11 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें 10.5 लाख रुपए नगद, 77 लाख रुपए के ब्लैंक चेक, 4 पेन ड्राइव और जमीन से संबंधित कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए गए थे।