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Atthey Mutton Recipe: झारखंड के देवघर का खास अट्ठे मटन के स्वाद का जोड़ नहीं है. नॉनवेज की कोई दूसरी डिश इसे टक्कर नहीं दे सकती है. खास बात है कि यह तेल के बजाय शुद्ध घी में तैयार होता है और बनाने के दौरान एक बूंद भी पानी नहीं डाला जाता है. धीमी आंच पर अच्छे से पकने के बाद यदि आपने खा लिया तो टेस्ट कभी नहीं भूल पाएंगे.

आपने मटन का भरपूर स्वाद लिया होगा. मटन के तरह-तरह के व्यंजन खाए होंगे. लेकिन क्या कभी आपने मटन अट्ठे खाया है. यकीन मानिए मटन की इस रेसिपी को ट्राई करने के बाद उंगलियां चाटते रह जाएंगे.

मटन की यह प्रसिद्ध रेसिपी झारखंड के खास शहर देवघर में शुरू हुई थी. यह डिश अपने स्वाद के कारण अब दसरे शहरों तक भी पहुंच चुकी है. बाहर से देवघर आने वाले लोग इसे चखना नहीं भूलते हैं.

देवघर स्पेशल इस खास डिश का स्वाद लेने देश के कोने-कोने से लोग यहां पहुंचते हैं. जो एक बार इसे खा ले, इसका स्वाद जीवन भर नहीं भूल पाता है और तारीफ किए बगैर रह नहीं पाते हैं. जाते-जाते रेसिपी जरूर पूछ लेते हैं.

अट्ठे मटन को तेल में नहीं बल्कि पूरी तरह घी में पकाया जाता है. साथ ही लड़की या कोयले की आंच पर तैयार होती है. सबसे खास बात यह है कि इसे बनाने के दौरान एक बूंद भी पानी नहीं डाला जाता है. सबसे पहले कढ़ाई को गर्म कर मटन के अनुसार उसमें घी डाला जाता है. प्रति किलो मटन पर 300 से 400 ग्राम घी की खपत होती है.

जब घी पूरी तरह से गर्म हो जाए तो उसमें खड़ा मसाला डालें. जैसा तेजपत्ता,आधा चम्मच जीरा, बड़ी इलायची, छोटी इलायची, स्टार फूल, दाल चीनी, जावेत्री, काला मिर्च आदि. इसे अच्छी तरह भूनें. उसके बाद कढ़ाई में मटन डाल दें.

मटन को डालने के बाद 15 से 20 मिनट तक इसे अच्छी तरह पकाएं. जब मटन हल्का लाल हो जाए तो उसमें कटा हुआ बारीक प्याज डालें ओर स्वाद अनुसार नामक डालें. फिर मटन और प्याज को आधे घंटे तक भूनें और कुछ देर के लिए ढक दें. जब प्याज गल जाये तो उसमे पिशा हुआ मसाला डाले.

आधे घंटे तक भूनते रहें, उसके बाद कढ़ाई में कटे हुए टमाटर, मिर्च, हल्दी, जीरा और धनिया का पाउडर डालकर करीब एक घंटे तक भूनते रहें. ध्यान रहे मटन अट्ठे में लहसुन और, शिमला मिर्च, धनिया पत्ता नहीं डाले जाते हैं.

जब मटन अट्ठे पूरी तरह से पक जाए तो उसमे गरम मसाला डालें और 10 मिनट तक भूने. फिर अंतिम में मरीच और इलायची का पाउडर डालकर 10 मिनट तक और भूने. फिर आपका मटन बनकर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा. इसे मिट्टी के कुल्हड़ में परोसने का रिवाज है.

