सचिन प्रजापति | प्रयागराज2 मिनट पहले
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प्रयागराज में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुधवार को डीएम के आदेश पर बड़ी कार्रवाई की। जिले में बिना पंजीकरण संचालित हो रहे अस्पतालों और पैथोलॉजी केंद्रों पर की गई इस छापेमारी में कई गंभीर खामियां सामने आईं।
गौहनियां स्थित एसएस हॉस्पिटल पर जब टीम ने पहली छापेमारी की तो अस्पताल संचालक जानकारी मिलते ही अस्पताल छोड़कर मौके से फरार हो गया। जांच में पाया गया कि अस्पताल का कोई पंजीकरण ही नहीं था। नियमों की अनदेखी और अवैध संचालन पाए जाने पर अस्पताल को तत्काल सील कर दिया गया।
इसके बाद टीम ने शैलेश नर्सिंग होम का निरीक्षण किया। यहां एक प्रसूता का सिजेरियन केस और एक अन्य सिजेरियन केस भर्ती पाया गया। लेकिन यह अस्पताल भी बिना पंजीकरण संचालित हो रहा था, जिस पर तत्काल सील करने की कार्रवाई की गई।

निरीक्षण के दौरान टीम अर्पित चिल्ड्रेन हॉस्पिटल, गौहनियां पहुंची। यहां दस्तावेजों की जांच में अस्पताल पंजीकृत पाया गया। हालांकि अस्पताल के एनआईसीयू में तीन बच्चे भर्ती थे, लेकिन उनकी देखरेख के लिए मौके पर कोई योग्य बाल रोग विशेषज्ञ मौजूद नहीं था।
इस गंभीर लापरवाही पर अस्पताल को नोटिस जारी करते हुए सीएमओ ने सख्त निर्देश दिए कि अगले दिन सभी बाल रोग विशेषज्ञों का शपथपत्र कार्यालय में प्रस्तुत किया जाए, अन्यथा अस्पताल का पंजीकरण निरस्त कर दिया जाएगा।

टीम ने अंत में आकाश पैथोलॉजी, करमा बाजार का निरीक्षण किया। जांच में यह केंद्र भी बिना पंजीकरण के संचालित पाया गया। स्वास्थ्य विभाग ने इसे भी तत्काल सील कर दिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रयागराज ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर चलाए जा रहे इस अभियान का उद्देश्य मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
बिना पंजीकरण अस्पताल और पैथोलॉजी चलाना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि मरीजों की जान से सीधा खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि आगे भी जिलेभर में ऐसे संस्थानों पर कार्रवाई जारी रहेगी और दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कदम उठाए जाएंगे

