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Limca History : कोका कोला ने हाल में ही खुलासा किया है कि उसका प्रोडक्ट लिम्का अब 2,800 करोड़ रुपये का ब्रांड बन चुका है. इस ब्रांड की शुरुआत आज से 55 साल पहले हुई थी और तब से आज तक यह मार्केट में बनी हुई है.
लिम्का प्रोडक्ट अब 2,800 करोड़ रुपये का ब्रांड बन चुका है.
हाइलाइट्स
- लिम्का ब्रांड अब 2800 करोड़ का हो गया है.
- लिम्का की शुरुआत भारतीय बिजनेसमैन रमेश चौहान ने की थी.
- 1970 में खोजे गए लिम्का का उत्पादन 1977 में शुरू हुआ.
नई दिल्ली. कोका कोला कंपनी के पास वैसे तो कई ब्रांड के शीतल पेय यानी कोल्ड ड्रिंक हैं, लेकिन इसमें देसी फ्लेवर वाले लिम्का की बात ही कुछ और है. कंपनी ने बताया कि यह ब्रांड अब 2,800 करोड़ रुपये का बन चुका है. लिम्का को आज भले ही अमेरिकी कंपनी कोका कोला बेचती है, लेकिन इसकी शुरुआत एक भारतीय बिजनेसमैन ने की थी. करीब 55 साल पहले लिम्का के फॉर्मूले की खोज हुई थी, लेकिन इसे फैक्ट्री तक पहुंचने में 7 साल लग गए. इस दौरान देश को इमरजेंसी का भी सामना करना पड़ा.
लिम्का को पहली बार साल 1970 में पेश किया गया था. उस समय भारत में कोला और अन्य सॉफ्ट ड्रिंक तो थीं, लेकिन लोगों को ऐसी ड्रिंक की जरूरत थी जो भारतीय गर्म मौसम और स्वाद के मुताबिक हो. भारतीयों को गर्मी में सबसे ज्यादा पसंद था नींबू पानी और इसी भावना को भुनाने के लिए बिसलेरी ब्रांड बनाने वाले रमेश चौहान ने लिम्का के फॉर्मूले को तैयार किया.
इमरजेंसी ने रोका रास्ता
रमेश चौहान ने लिम्का का फॉर्मूला तो 1970 में ही खोज लिया, लेकिन फैक्ट्री में इसका उत्पादन करने से पहले ही देश में इमरजेंसी लगा दी गई और मामला ठंडा पड़ गया. इमरजेंसी खत्म होने के बाद साल 1977 में दिल्ली की कंपनी लाइमा लिम्का लिमिटेड ने फैक्ट्री में इसका उत्पादन शुरू किया. लिम्का को नींबू-लाइम के ताजगी भरे स्वाद के साथ डिजाइन किया गया था, ताकि गर्मी में तुरंत ताजगी और एनर्जी मिले. इसे प्लास्टिक और ग्लास की बोतलों में बेचा गया।
दो बार बिकी कंपनी
साल 1977 में शुरुआत के बाद से अब तक लिम्का अब तक दो बार बिक चुकी है. पहले इसका स्वामित्व पारले एग्रो के पास था, लेकिन 1992 में उदारवाद और ग्लोबलाइजेशन आने के बाद 1993 में अमेरिकी कंपनी कोका कोला ने इसे खरीद लिया है. इसके बाद से अब तक लिम्का का स्वामित्व इसी कंपनी के पास है और साल 2024 में यह 2,800 करोड़ रुपये के ब्रांड बन चुका है.
दमदार मार्केटिंग रणनीति
लिम्का ने शुरुआत में अपनी मार्केटिंग में ‘Limit toh Lagao’ जैसे टैगलाइन का इस्तेमाल किया, जो लोगों को अपनी सीमाओं को तोड़कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती थी. इसका विज्ञापन युवा पीढ़ी को टार्गेट करता था, जो ताजगी और एनर्जी की तलाश में थे. अब इस प्रोडक्ट को ‘Chadha Le Taazgi’ की टैगलाइन से बेचा जा रहा है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ें