Monday, November 3, 2025
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Tulsi Vivah 2025: तुलसी विवाह कब, जानें तुलसी शालीग्राम के विवाह और पूजा की सामग्री



Tulsi Vivah 2025: हर साल देवउठनी एकादशी के अगले दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर तुलसी विवाह का पर्व मनाया जाता है. इस पवित्र दिन पर भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप और देवी तुलसी के विवाह का आयोजन किया जाता है. मान्यता है कि, तुलसी विवाह के बाद देवताओं का विश्राम काल यानी चातुर्मास समाप्त होता है और सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है.

तुलसी विवाह कब (Tulsi Vivah 2025 Date)

पंचांग के मुताबिक, तुलसी विवाह रविवार 2 नवंबर 2025 को होगा. कार्तिक शुक्ल की द्वादशी तिति 2 नवंबर को सुबह 07.31 से 3 नवंबर सुबह 05.07 तक रहेगी. 2 नवंबर को पूजा के लिए उदयातिथि मिल रही है, इसलिए इसी दिन तुलसी विवाह होगा.

तुलसी विवाह पूजा सामग्री

तुलसी विवाह कराने के लिए आपको कुछ जरूरी सामग्रियों की आवश्यकता होगी, जोकि इस प्रकार है- तुलसी का पौधा, लाल रंग की चुनरी, नई साड़ी, शालीग्राम, भगवान विष्णु की तस्वीर, मौली, पूजा की चौकी, फूल, मौसमी फल, मिठाई, श्रृंगार और सुहाग का सामान, कलश, आम के पत्ते, केले का पत्ता, हल्दी की गांठ, नारियल, गंगाजल, घी, धूप, माचिस, रोली, सिंदूर आदि.

तुलसी विवाह 2025 पूजा विधि

सुबह स्नानादि के बाद साफ कपड़े पहन लें. अब तुलसी पौधे के गमले की साफ-सफाई करें. फिर गमले को गेरू से सजाएं और चौकी पर रखें. एक अन्य चौकी पर शालीग्राम की स्थापना करें. अब गन्ने, केले के पत्ते और फूल से सुंदर मंडप तैयार करें. कलश में जल भरकर उसके ऊपर पांच आम के पत्ते लगाएं. घी का दीप जलाएं. तुलसी को नई साड़ी और लाल चुनरी पहनाएं, सुहाग का सामान अर्पित करें, सिंदूर लगाएं और अच्छे से श्रृंगार करें. इसके बाद शालीग्राम भगवान को हाथ में लेकर तुलसी के साथ 7 बार परिक्रमा कराएं. इस विधि को 7 फेरों के रूप में किया जाता है. आखिर में आरती करें. इस प्रकार तुलसी और भगवान शालीग्राम का विवाह कराया जाता है.

कौन कर सकता है तुलसी विवाह

खासकर महिलाएं तुलसी विवाह करती हैं. ऐसी मान्यता है कि तुलसी संग शालीग्राम का विधिवत विवाह कराने से वैवाहिक जीवन में हमेशा खुशहाली बनी रही है. इसके साथ ही जिन लोगों की पुत्री नहीं होती और जो लोग अपने जीवन में कन्यादान नहीं कर पाते हैं, वे भी तुलसी विवाह करा सकते हैं. तुलसी विवाह कराने से कन्यादान के समान ही पुण्यफल मिलता है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.



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