Monday, December 1, 2025
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बच्चों की सुरक्षा के लिए पहनाया जाता है चांदी का चेन, जानें इस रहस्य को


हिंदू धर्म में यह आम परंपरा है कि नवजात से लेकर छोटे बच्चों तक को चांदी के आभूषण पहनाए जाते हैं. चांदी की चेन, पायल या माला शुभ माना जाता है. इसका ज्योतिषशास्त्र और धार्मिक दृष्टि से भी बहुत महत्व है. यही कारण है कि अन्नप्राशन के समय भी बच्चों को चांदी के बर्तन में पहला अन्न खिलाया जाता है.

चांदी को एक ऊर्जावान और शुद्ध धातु माना गया है. इसमें ऐसी ऊर्जा होती है जो नकारात्मक प्रभावों को दूर रखती है. इस से बच्चे बाहरी नकारात्मकता और नजर दोष से सुरक्षित रहते हैं.

चांदी को एक ऊर्जावान और शुद्ध धातु माना गया है. इसमें ऐसी ऊर्जा होती है जो नकारात्मक प्रभावों को दूर रखती है. इस से बच्चे बाहरी नकारात्मकता और नजर दोष से सुरक्षित रहते हैं.

जन्म के बाद बच्चे सबसे अधिक नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित होते हैं. इसी कारण उन्हें काला धागा या चांदी की चेन पहनाई जाती है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, चांदी की चेन पहनाने से बच्चे पर बुरी नजर नहीं लगती और उसका मन शांत रहता है. यह शुभता और सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती है.

जन्म के बाद बच्चे सबसे अधिक नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित होते हैं. इसी कारण उन्हें काला धागा या चांदी की चेन पहनाई जाती है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, चांदी की चेन पहनाने से बच्चे पर बुरी नजर नहीं लगती और उसका मन शांत रहता है. यह शुभता और सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती है.

चांदी की ऊर्जा मन और मस्तिष्क पर सीधा असर डालती है. चांदी का माला पहनने से बच्चे का दिमाग शांत रहता है और एकाग्रता बढ़ती है. इससे उसकी समझ और बुद्धि का विकास होता है.

चांदी की ऊर्जा मन और मस्तिष्क पर सीधा असर डालती है. चांदी का माला पहनने से बच्चे का दिमाग शांत रहता है और एकाग्रता बढ़ती है. इससे उसकी समझ और बुद्धि का विकास होता है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चांदी का संबंध चंद्रमा और शुक्र ग्रह से होता है. दोनों ही ग्रह मन, सौंदर्य और भावनाओं के प्रतीक हैं. जन्म के पहले 12 वर्षों तक बच्चा चंद्रमा के प्रभाव में रहता है. इसी कारण चांदी धारण करने से चंद्र दोष शांत रहता है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चांदी का संबंध चंद्रमा और शुक्र ग्रह से होता है. दोनों ही ग्रह मन, सौंदर्य और भावनाओं के प्रतीक हैं. जन्म के पहले 12 वर्षों तक बच्चा चंद्रमा के प्रभाव में रहता है. इसी कारण चांदी धारण करने से चंद्र दोष शांत रहता है.

इसका वैज्ञानिक कारण भी है. चांदी में स्वाभाविक रूप से ठंडक देने और रोगाणु नष्ट करने के गुण होते हैं. यह शरीर के तापमान को नियंत्रित रखती है और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है.

इसका वैज्ञानिक कारण भी है. चांदी में स्वाभाविक रूप से ठंडक देने और रोगाणु नष्ट करने के गुण होते हैं. यह शरीर के तापमान को नियंत्रित रखती है और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है.

माना जाता है कि सही समय और उचित विधि से चांदी पहनाई जाए, तो यह बच्चे के जीवन में शुभता और सुरक्षा का प्रतीक बन जाती है.

माना जाता है कि सही समय और उचित विधि से चांदी पहनाई जाए, तो यह बच्चे के जीवन में शुभता और सुरक्षा का प्रतीक बन जाती है.

Published at : 09 Nov 2025 09:55 PM (IST)

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