Monday, December 1, 2025
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डेली कॉलेज बोर्ड को हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत: पुराने मामले हल होने तक नहीं हो सकता संविधान संशोधन, कलेक्टर ने भी दिया था आदेश – Indore News


अपने फायदे के लिए डेली कॉलेज का संविधान बदलने पर तुले डीसी बोर्ड को हाईकोर्ट से भी झटका लगा है। हाईकोर्ट ने कहा है कि जो केस रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसाइटी भोपाल तथा सहायक रजिस्ट्रार इंदौर के समक्ष पेंडिंग है, जब तक उनका निराकरण नहीं हो जाता तब तक डेली

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दरअसल डीसी बोर्ड संविधान संशोधन के लिए लगातार कोशिश कर रहा है। बोर्ड के कुछ लोग चाहते हैं कि चुनाव ही नहीं हो और वे हमेशा इस पद पर बने रहे हैं। इसकी शिकायत कलेक्टर शिवम वर्मा तक भी पहुंची थी। कुछ पेरेंट्स ने कहा था कि डीसी बोर्ड 12 नवंबर को बैठक कर संविधान में संशोधन करने जा रहा है। पैरेंट्स ने इस मामले में अब तक चली कवायद और कुछ लंबित प्रकरणों का भी हवाला दिया था। इसके बाद कलेक्टर ने सहायक रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसाइटी बीडी कुबेर को इस संबंध में आदेश दिए थे। इसमें पुराने लंबित केसों का हवाला देकर कहा गया था कि 12 नवंबर की बैठक में संविधान संशोधन संबंधी कोई फैसला नहीं लिया जाए।

इस मामले में डीसी बोर्ड के सदस्य संदीप पारीख ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। 12 नवंबर सकी सुनवाई जस्टिस प्रणय वर्मा की कोर्ट में 12 नवंबर को हो गई थी। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और 13 नवंबर को फैसला आया। याचिकाकर्ता के एडवोकेट पीयूष पाराशर ने बताया कि हाईकोर्ट ने यह कहा है कि जो प्रकरण रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसायटी भोपाल तथा सहायक रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसायटी इंदौर के सामने पेंडिंग हैं जब तक उनका निराकरण नहीं हो जाता तब तक डेली कॉलेज संस्था संविधान संशोधन संबंधी विषयों पर कोई फैसले नहीं देगी।

एडवोकेय पाराशर ने बताया कि 29 अगस्त 25 को सहायक रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसाइटी ने एक आदेश पारित किया था, जिसमें डेली कॉलेज संस्था को साधारण आम सभा बुनालने के निर्देश दिए गए थे। उनका उद्देश्य यह था कि डेली कॉलेज में जो भी फैसले लिए जाएं उसे सिर्फ 9 सदस्यीय डीसी बोर्ड न करे, बल्कि सारे सदस्यों के अनुमोदन से कोई भी फैसला हो।

इस आदेश के खिलाफ डीसी बोर्ड ने रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसाइटी भोपाल को एक अपील की। उस अपील पर सुनवाई 19 सितंबर 25 को हुई थी। उस पर कोई फैसला अभी तक नहीं हुआ है, लेकिन स्टे जरूर मिला था। इस संबंध में रजिस्ट्रार का कहना था कि अगर वे स्टे नहीं देंगे तो डेली कॉलेज की अपील निष्प्रभावी हो जाएगी। इस स्टे ऑर्डर की व्याख्या डेली कॉलेज प्रबंधन ने इस तरह कर ली कि सहायक रजिस्ट्रार का ऑर्डर खारिज हो गया है।

याचिकाकर्ता संदीप पारीख ने भी रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसाइटी, भोपाल और सहायक रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसाइटी इंदौर के पास आवेदन लगा रखा है। जब पारीख के आवेदनों का यहां भी निराकरण नहीं हुआ तो उन्होंने हाईकोर्ट में अपील कर दी। इसी अपील पर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।



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