गोरखपुर नगर निगम को जल संचय जन भागीदारी अभियान में बेहतरीन काम करने के लिए देशभर में तीसरा स्थान मिला है। इस राष्ट्रीय सम्मान के बाद बृहस्पतिवार को जब महापौर और नगर आयुक्त नगर निगम कार्यालय पहुंचे तो उनका जोरदार स्वागत किया गया।
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गोरखपुर नगर निगम में महापौर व नगर आयुक्त का हुआ जोरदार स्वागत

मंच पर पार्षदों से मिलते मेयर और नगर आयुक्त
अधिकारियों और पार्षदों ने फूल-मालाएं पहनाकर दोनों का अभिनंदन किया। इसके बाद सदन हाल में पार्षद एक-एक करके मंच पर पहुंचे और बधाई देते रहे। माहौल पूरी तरह उत्साह और गर्व से भरा हुआ था। महापौर मंगलेश श्रीवास्तव ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि इस उपलब्धि के पीछे नगर निगम के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और गोरखपुर के नागरिकों की संयुक्त मेहनत है। उन्होंने कहा कि देश में तीसरा स्थान पाना गर्व की बात है, लेकिन इस रैंकिंग को बनाए रखना और भी मुश्किल होता है। फिर भी उन्होंने भरोसा दिलाया कि नगर निगम न सिर्फ इस उपलब्धि को बनाए रखेगा, बल्कि आने वाले समय में इसमें और सुधार भी करेगा।

इस मौके पर अधिकतर पार्षद धन्यवाद देने पहुंचे
नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार लेना सभी के लिए बेहद गर्व का पल था। उन्होंने कहा कि नगर निगम के जल संचय अभियान को पूरे शहर ने मिलकर आगे बढ़ाया, जिसकी वजह से गोरखपुर को यह सम्मान मिला। उन्होंने कहा कि अब जिम्मेदारियां और बढ़ गई हैं और आने वाले दिनों में नगर निगम इस रैंक को और बेहतर बनाने की दिशा में काम करेगा। अब जानिए पूरा मामला…
गोरखपुर नगर निगम को “जल संचय जन भागीदारी अभियान (JSJB 1.0)” के तहत बेहतरीन काम करने के लिए 18 नवंबर को विज्ञान भवन में राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित किया गया था। जल संरक्षण को बढ़ावा देने वाले इस अभियान में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के आधार पर भारत सरकार ने गोरखपुर को देश के टॉप 21 पुरस्कार विजेताओं में शामिल किया गया था।

राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित हुए मेयर और नगर आयुक्त
यह सम्मान 18 नवंबर 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में प्रदान किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने गोरखपुर नगर निगम को प्रशस्ति पत्र और 2 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी। समारोह में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, जल शक्ति मंत्रालय के राज्य मंत्री, रेलवे मंत्रालय के प्रतिनिधि, जल संसाधन विभाग और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, जूरी सदस्य तथा विभिन्न राज्यों के मंत्री, महापौर और नगर आयुक्त मौजूद थे।
गोरव की बात यह ही कि पूरे देश के शीर्ष 10 नगर निगमों में गोरखपुर को तीसरा स्थान मिला। इस उपलब्धि के लिए नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल और महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव को राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया। नगर निगम को मिला यह सम्मान गोरखपुर की जनता की सक्रिय भागीदारी, निगम कर्मचारियों की मेहनत और राज्य सरकार के प्रभावी मार्गदर्शन का परिणाम माना जा रहा है। दिल्ली में सम्मान पाने के बाद गोरखपुर नगर निगम में भी इसका जश्न मनाया गया।

नगर निगम में अधिकारी व पार्षदों ने मनाई खुशी
अभियान के प्रमुख कार्य
जल संचय जन भागीदारी अभियान का उद्देश्य पानी बचाने को सामुदायिक जिम्मेदारी बनाना है। इस अभियान में गोरखपुर नगर निगम ने—
-जल स्रोतों का संरक्षण
-वर्षा जल संचयन को बढ़ावा
-तालाबों और कुओं की सफाई
-नदियों और नालों के पुनर्जीवन
जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में आम जनता, सामाजिक संगठनों, स्कूलों, व्यापार मंडलों और युवाओं को जोड़ा।
तकिया घाट पर की गई प्राकृतिक जल शोधन पद्धति को पूरे देश में सराहना मिली और इसे एक मॉडल के रूप में देखा जा रहा है।
डिजिटल तकनीक से निगरानी
शहर में जल संरक्षण को मजबूत बनाने के लिए:
-जल स्रोतों की जियो-टैगिंग
-नियमित डिजिटल मॉनिटरिंग
-सामुदायिक श्रमदान
जैसी तकनीकों और उपायों का उपयोग किया गया। इससे गोरखपुर में जल संरक्षण से जुड़ी जागरूकता तेजी से बढ़ी।
गोरखपुर के लिए बड़ी उपलब्धि
इस सम्मान ने गोरखपुर को न सिर्फ जल संरक्षण बल्कि स्वच्छता और सतत विकास के क्षेत्र में भी अग्रणी नगर निगमों की श्रेणी में पहुंचा दिया है। यह उपलब्धि पूरे गोरखपुर की साझी जीत है और शहर को स्वच्छ, सुंदर और पर्यावरण-सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

