सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की कमी के खिलाफ सोमवार को भ्रष्टाचार उन्मूलन संघर्ष समिति ने कलेक्टोरेट में प्रदर्शन किया। समिति ने स्वास्थ्य विभाग और CMHO पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।
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जीवन रक्षक दवाओं की भारी कमी समिति का आरोप है कि बासौदा, सिरोंज, पीपलखेड़ा, ग्यारसपुर, त्यौदा, लटेरी और नटेरन जैसे स्वास्थ्य केंद्रों पर जरूरी दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं।
13 मई को बजट मिला, फिर भी खरीदी नहीं प्रदर्शनकारियों ने बताया कि 13 मई को बजट जारी हुआ, लेकिन इसके बाद भी अस्पतालों में दवाइयों की खरीदी नहीं हुई।
एक ही फार्मासिस्ट को दो जिम्मेदारी CMHO कार्यालय में स्टोर और क्रय शाखा का प्रभार एक ही फार्मासिस्ट को देने पर सवाल उठाए गए। समिति ने फार्मासिस्ट विजय नकुल को हटाने की मांग की।
ये मांगें रखी गईं
- CMHO के खिलाफ कार्रवाई।
- अस्पताल स्टोर की SDM स्तर से जांच।
- बीते एक साल की क्रय प्रक्रिया की जांच।
- नियमविरुद्ध अटैचमेंट को निरस्त करने की मांग।
प्रशासन ने कहा- शिकायतें गंभीर हैं तहसीलदार अमित ठाकुर ने कहा, “स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएं सामान्य हैं। शिकायतें गंभीर हैं, जांच कराई जाएगी।”