1 जून को युवती का अपहरण किया गया। FIR के बाद भी कार्रवाई नहीं।
छिंदवाड़ा जिले की एक आदिवासी युवती ने कुछ लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता ने गुरुवार को मीडिया की मौजूदगी में अपनी आपबीती सुनाई। युवती का कहना है कि 1 जून को उसका अपहरण किया गया। इसके बाद जबरन शादी कराकर 12 दिनों तक बंधक बनाकर उसके साथ गैंगरेप क
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युवती ने 7 लोगों पर आरोप लगाए हैं, जिनमें एक नाबालिग भी शामिल है। जिनके नाम हैं अल्डक (40), शीतल अल्डक (25), सुनील कंटक (45), निरंजन ठाकरे (40), मनीषा ठाकरे (35), अंजू चंदेल (18), एक 16 वर्षीय नाबालिग।
ये सभी आरोपी छिंदवाड़ा जिले के विभिन्न गांवों से ताल्लुक रखते हैं और पीड़िता के अनुसार सभी ने मिलकर इस साजिश को अंजाम दिया।
काम के बहाने बुलाया, फिर किया अगवा पीड़िता ने बताया कि वह आदिवासी समुदाय से है, कम पढ़ी-लिखी है और मानसिक रूप से कमजोर है। 1 जून 2025 को वह गुरैया के शांति बेयर हाउस में मजदूरी करने गई थी। शाम को बाजार में सामान खरीदते समय आरोपी अंजू ने शीतल को फोन कर बुलाया और फिर मोंटी और शीतल उसे जबरन दोपहिया वाहन से अपने साथ गुरैया देव स्थित घर ले गए। वहां रात भर उसे कमरे में बंद करके रखा गया।
12 दिन तक बंधक बनाकर रेप अगले दिन सभी आरोपी उसे मारपीट कर एक चारपहिया वाहन में डालकर छिंदवाड़ा के पातालेश्वर मंदिर ले गए, जहां सुनील कंटक से उसका फर्जी विवाह करवाया गया। इसके बाद उसे घर में बंद कर दिया गया और मोबाइल तक जब्त कर लिया गया। युवती ने बताया कि 12 दिनों तक उसकी इच्छा के विरुद्ध उसके साथ लगातार बलात्कार किया गया और जान से मारने की धमकियां दी गईं।
पुलिस पर आरोप, FIR के बाद भी कार्रवाई नहीं परिजनों ने 2 जून को देहात थाना छिंदवाड़ा में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। परिजनों और पीड़िता का आरोप है कि पुलिस ने अब तक किसी भी आरोपी के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की है। गुलाबी गैंग कमांडर पूर्णिमा वर्मा ने इसे पुलिस प्रशासन की लापरवाही और आदिवासी वर्ग के प्रति उदासीनता बताया।