पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा को जान से मारने की धमकी मिली है। कुशवाहा ने गुरुवार रात 11 बजकर 31 मिनट पर X पोस्ट में इसकी जानकारी दी। सांसद के मुताबिक, ये धमकी उन्हें गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम से दी गई है।
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उन्होंने X पर लिखा, ‘आज शाम 8:52 से 9:20 के बीच मुझे लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम पर मोबाइल नंबर +916305129156 और +919229567466 से लगातार 7 धमकी भरे कॉल आए।’
‘मोबाइल नंबर +917569196793 से 8 बजकर 57 मिनट पर MMS/SMS के माध्यम से कहा गया कि यदि राजनीतिक रूप से एक पार्टी विशेष पर बोलते रहे तो अंजाम भुगतना पड़ेगा। 10 दिन में मुझे खत्म कर देने जैसी बातें भी कही गई।’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने SSP पटना से तत्काल संज्ञान लेने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। कहा-
‘लोकतांत्रिक व्यवस्था में इस तरह की धमकियां अस्वीकार्य है। इस पूरे व्यवधान को तुरंत समाप्त किए जाने की अपेक्षा है।
कौन हैं उपेंद्र कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पूरी राजनीति करियर में 9 बार चुनाव लड़ा। जिसमें 7 बार वे चुनाव हारे हैं। महज दो बार ही उन्होंने चुनाव जीता है। पहली बार वे 2000 में समता पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर वैशाली जिले की जंदाहा विधानसभा सीट से जीतकर विधायक बने थे।
वहीं, दूसरी बार उपेंद्र कुशवाहा 2014 के लोकसभा चुनाव में काराकाट सीट जीतकर सांसद बने। इसके अलावा 2010 में वह राज्यसभा के सांसद बने और 2021 में विधान परिषद के सदस्य बने। हालांकि उपेंद्र कुशवाहा के नाम पर यह रिकॉर्ड जरूर है कि वह चारों सदनों के सदस्य रह चुके हैं।

कुशवाहा ने 2005 में नीतीश से अलग होकर बनाई थी समता पार्टी
2005 में नीतीश कुमार से अलग होकर समता नाम की अपनी पार्टी बनाई। 2009 का चुनाव भी इसी पार्टी के बैनर तले लड़ा। हालांकि, उनके एक भी कैंडिडेट जमानत तक नहीं बचा पाए।
2010 में वापस जदयू में शामिल हुए। 2013 में दोबारा नीतीश से अलग होकर रालोसपा नाम से अपनी नई पार्टी बनाई। 2014 में एनडीए में शामिल होकर चुनाव लड़े। काराकाट से खुद जीते और मोदी सरकार में मानव संसाधन राज्य मंत्री बने।
5 साल बाद 2019 का चुनाव महागठबंधन के साथ लड़े, लेकिन खुद दो जगह से लड़े और दोनों जगह से हार गए। 2021 में रालोसपा का जदयू में विलय करा दिया। एक बार फिर जदयू से अलग होकर 2023 में राष्ट्रीय लोक मोर्चा नाम की नई पार्टी बना ली। फिलहाल, उपेंद्र कुशवाहा राज्यसभा सांसद हैं।

पिछले साल पूर्णिया सांसद पप्पू यादव को भी मिली थी धमकी
मालूम हो कि पिछले साल पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव को जान से मारने की धमकी मिली थी। कॉल करने वाले ने खुद को लॉरेंस विश्नोई गैंग का सदस्य बताया था। धमकी देने वाले शख्स ने पप्पू यादव को सलमान खान मामले से अलग रहने की हिदायत भी दी थी। उसने कॉल पर कहा था, ‘सलमान के मामले से दूर रहो, हम कर्म और कांड दोनों करते हैं।’
धमकी देने वाले का दावा था कि ‘लॉरेंस बिश्नोई जेल में एक लाख रुपए प्रतिघंटा देकर जैमर बंद करवाकर पप्पू यादव से बात करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन पप्पू यादव फोन नहीं उठा रहे हैं।’
दरअसल, 12 अक्टूबर को मुंबई में पूर्व विधायक बाबा सिद्दीकी की हत्या हुई थी, जिसकी जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली थी। इसके बाद पूर्णिया सांसद ने सोशल मीडिया पर 24 घंटे में लॉरेस गैंग के खात्मे की बात कही थी।