राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) नई दिल्ली और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOCL) के संयुक्त तत्वावधान एक महीने तक नाट्य कार्यशाला चला। जिसमें प्रशिक्षित बच्चे सिर्फ बेगूसराय ही नहीं, बल्कि दिल्ली के मंडी हाउस स्थित रंगमंच पर भी अपनी प्रस्तुति देंगे। बेगूसराय
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आज दिनकर भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में आयोजकों ने यह जानकारी दी। बताया गया कि पहली बार इंडियन ऑयल कार्पोरेशन की ओर से देश में 8 जगहों पर दिल्ली में चार, नोएडा, उड़ीसा, बिहार में बेगूसराय और मुंबई में बच्चों के लिए 30 दिवसीय नाटक कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय विद्यालय के तत्वावधान में किया गया।
इसमें ऐसे बच्चों का चयन किया गया जो कला और रंग कर्म में रुचि तो रखते थे, लेकिन गरीबी और ऐसे संस्थानों तक पहुंच नहीं रहने के कारण इससे वंचित थे। पहली बार ऐसा हुआ जब एनएसडी ने समाज के अंतिम पायदान तक पहुंचने की कोशिश की। वहां से बच्चे को खोज कर 30 दिनों तक प्रशिक्षण दिया। उन्हें बताया और सिखाया गया कि रंग कर्म क्या है।
नाटक कैसे किया जा सकता है, मंच कैसे मिल सकता है और मंच पर नाटक, गीत-संगीत कैसे प्रस्तुत किया जा सकता है। बच्चों ने बारीकी से सीखा। अविनाशचंद्र मिश्रा की रचना मुक्ति पर्व नाटक का मंचन किया जा रहा है। दिनकर भवन में शुक्रवार 20 जून की शाम 7:00 बजे से यह बाल कलाकार नाटक का मंचन करेंगे, जिसकी तैयारी पूरी कर ली गई है।
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साक्षात्कार के आधार पर हुआ चयन
8 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए आशीर्वाद रंगमंडल बेगूसराय के सचिव और देश के जाने माने रंग निर्देशक डॉ. अमित रौशन के संयोजन और रंग संस्था द प्लेयर्स एक्ट बेगूसराय के रंग गुरु NSD से स्नातक युवा अभिनेता और निर्देशक कुंदन कुमार के निर्देशन में कार्यशाला हुआ।
जिसमें सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े बच्चों के लिए 30 दिवसीय बाल रंगमंच कार्यशाला 23 मई से श्रीकृष्ण महिला कॉलेज में आयोजित किया गया है। 22 मई को दिनकर कला भवन में जिले भर से आए 100 से ज्यादा बच्चों में से 35 बच्चों का चयन इस कार्यशाला के लिए चयन समिति द्वारा साक्षात्कार के आधार पर किया गया।
कार्यशाला निर्देशक कुंदन कुमार, कार्यशाला सह निर्देशक सारिका भारती, वरिष्ठ रंग निर्देशक गणेश गौरव, कुमार अभिजीत, कला एवं संस्कृति पदाधिकारी श्याम सहनी, युवा अभिनेता अमरेश कुमार, चन्दन कुमार सोनू, रमण चंद्र वर्मा सहित अन्य विशेषज्ञ का सानिध्य मिला। अभिनय, नृत्य, संगीत, भाषा, शारीरिक गति, योग, ध्यान सहित नाट्य विधा की विभिन्न बारीकी सिखाया गया।