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India Hypersonic Missiles: ब्रह्मोस तो शुरुआत थी… भारत अब 5 नए ‘ब्रह्मास्त्रों’ पर काम कर रहा है—हाइपरसोनिक मिसाइल से लेकर स्टील्थ फाइटर तक, जो अगली जंग में दुश्मन को चौंका देंगे. DRDO इसे लेकर बड़ी तैयारी मे…और पढ़ें
भारत कई ऐसे एडवांस सिस्टम्स पर काम कर रहा है जो भविष्य की जंग में भारत को बढ़त दिलाएंगे. (फाइल फोटो AP)
हाइलाइट्स
- भारत हाइपरसोनिक मिसाइलों पर काम कर रहा है.
- BrahMos-NG हल्के फाइटर जेट्स में फिट होगी.
- भारत का AMCA विमान चीन-पाकिस्तान के J-35 को टक्कर देगा.
नई दिल्ली: ईरान और इजरायल के बीच छिड़े हालिया युद्ध में जिस हथियार ने दुनिया की सैन्य रणनीतियों को झकझोर दिया है वह है हाइपरसोनिक मिसाइल. महज कुछ मिनटों में हजारों किलोमीटर की दूरी तय करने वाली इन मिसाइलों ने देशों के एयर डिफेंस सिस्टम को लगभग बेअसर कर दिया है. नतीजा अब हर बड़ा देश अपने हाइपरसोनिक प्रोग्राम को तेज कर रहा है. भारत भी इस रेस में पीछे नहीं है बल्कि उसका अगला कदम इस युद्ध तकनीक को नए स्तर पर ले जाने की तैयारी है.
1. हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल और क्रूज मिसाइल
ब्रह्मोस के बाद अब भारत का असली दांव है हाइपरसोनिक हथियार. DRDO दो तकनीकों पर काम कर रहा है—हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल और स्क्रैमजेट इंजन वाली क्रूज मिसाइल. ग्लाइड व्हीकल का ट्रायल 2-3 साल में पूरा होने की उम्मीद है. वहीं, स्क्रैमजेट सिस्टम की 1000 सेकंड तक सफल टेस्टिंग हो चुकी है, बस सरकार की मंजूरी मिलते ही फुल-स्केल डेवलपमेंट शुरू होगा. ये मिसाइलें 5-7 मैक की रफ्तार से उड़ेंगी यानी आवाज से पांच गुना तेज.

2. BrahMos-NG – अब हर फाइटर जेट पर मौत का साया
DRDO ब्रह्मोस का अगला वर्जन BrahMos-NG (नेक्स्ट जेनरेशन) तैयार कर रहा है . यह पुरानी ब्रह्मोस से हल्की और कॉम्पैक्ट होगी. इसे तेजस जैसे हल्के फाइटर जेट में भी फिट किया जा सकेगा. इसका मतलब अब भारत की पूरी एयरफोर्स ब्रह्मोस जैसी मारक क्षमता से लैस हो सकती है.

3. सुदर्शन चक्र – भारत का ‘स्वदेशी S-400’
रूस के S-400 की टक्कर में भारत ने अपने लॉन्ग-रेंज सरफेस टू एयर सिस्टम पर काम तेज कर दिया है. ‘कुशा प्रोजेक्ट’ के तहत विकसित यह सिस्टम ‘सुदर्शन चक्र’ नाम से जाना जा रहा है. यह दुश्मन की मिसाइल और एयर अटैक को 300+ किमी दूर से ही नेस्तनाबूद कर सकेगा.

4. डायरेक्टेड एनर्जी वेपन
DRDO लेजर और माइक्रोवेव आधारित हाई पावर डायरेक्टेड एनर्जी वेपन तैयार कर रहा है. ये हथियार दुश्मन के ड्रोन, मिसाइल और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को बिना धमाके और धुआं किए खत्म कर सकते हैं. आने वाले सालों में ये भारत की एयर डिफेंस सिस्टम का सबसे चुपचाप लेकिन घातक हिस्सा होंगे.

DRDO लेजर और माइक्रोवेव आधारित हाई पावर डायरेक्टेड एनर्जी वेपन पर तेजी से काम कर रहा है.
भारत अब पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) पर तेजी से काम कर रहा है. यह विमान चीन-पाकिस्तान के संयुक्त J-35 फ्लीट को टक्कर देगा. सरकार ने 2024 में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी और 120 एयरक्राफ्ट (6 स्क्वाड्रन) खरीदने की योजना बनाई है. खास बात यह है कि AMCA का प्रोडक्शन मॉडल अब HAL के बजाय एक पब्लिक-प्राइवेट मॉडल में किया जाएगा.

AMCA पर तेजी से काम चल रहा है.
GPS और कम्युनिकेशन फ्री सिस्टम – डिजिटल ब्लैकआउट में भी हमला
डॉ. कामत ने बताया कि DRDO अब ऐसे हथियार बना रहा है जो बिना GPS और बिना कम्युनिकेशन के भी काम कर सकें. ऑपरेशन ‘सिंदूर’ से सबक लेते हुए, अब भारत ऐसी तकनीक पर ध्यान दे रहा है जो ‘इलेक्ट्रॉनिकली डिनाइड’ वातावरण में भी ऑपरेशनल रह सके.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, …और पढ़ें
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