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NEET Success Story: राजस्थान के एक छोटे से गांव के निवासी अंकित मीणा चर्चा में हैं. मां को कैंसर से जूझते देख उन्होंने डॉक्टर बनने का फैसला किया. नीट यूजी में सफल होकर उन्होंने इसकी शुरुआत कर दी है.
NEET Success Story: अंकित मीणा के भाई को बीच में पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी
हाइलाइट्स
- अंकित मीणा गरीब किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं.
- मां के कैंसर ट्रीटमेंट के लिए पिता को भारी कर्ज लेना पड़ा.
- अंकित मीणा मेडिकल की पढ़ाई करके कैंसर सर्जन बनना चाहते हैं.
नई दिल्ली (NEET Success Story). पहले प्रयास में नीट यूजी परीक्षा पास कर पाना आसान नहीं है. घर-परिवार में मेडिकल का बैकग्राउंड न होने पर इसकी तैयारी कर पाना और भी मुश्किल हो जाता है. लेकिन इरादे मजबूत हों तो सफर को आसान बनाया जा सकता है. राजस्थान के कोटा जिले के खातौली क्षेत्र के बालूपा गांव के रहने वाले अंकित मीणा की नीट सक्सेस स्टोरी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो कम रिसोर्सेस में ऊंचे सपने देखते हैं और उन्हें हासिल करने की हिम्मत भी रखते हैं.
मां के कैंसर ने बढ़ाईं मुश्किलें
ईटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, अंकित मीणा का परिवार बहुत गरीब है. उनके पिता लक्ष्मणलाल मीणा किसानी करते हैं लेकिन उनके पास ज्यादा ज़मीन नहीं है. जब अंकित की मां मौसमी मीणा को कैंसर हुआ तो इलाज के लिए परिवार को भारी वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा. इलाज की लागत पूरी करने के लिए उनके पिता ने भारी कर्ज लिया. इस वजह से पूरे परिवार की आर्थिक स्थिति पहले से भी ज्यादा बिगड़ गई. इस कठिन समय में पूरा परिवार डटकर साथ खड़ा रहा और जिसको जो त्याग करने पड़े, उसने किए.
भाई को छोड़नी पड़ गई पढ़ाई
10वीं, 12वीं में शानदार थे नंबर
अंकित मीणा ने नीट यूजी परीक्षा में 452 अंक हासिल किए थे. उनकी ऑल इंडिया रैंक 1,19,386 है. अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी में उनकी रैंक 1112 रही. इससे उन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज में MBBS की सीट मिलने की पूरी संभावना है. अंकित मीणा ने 10वीं बोर्ड परीक्षा में 93% और 12वीं में 88.2% मार्क्स हासिल किए थे. इससे पढ़ाई के प्रति उनकी ललक का अंदाजा लगाया जा सकता है. बोर्ड रिजल्ट में शानदार परफॉर्मेंस से उन्हें हायर एजुकेशन के लिए कुछ छूट और गाइडेंस मिल पाया.
मां के लिए बनेंगे डॉक्टर
समाजसेवी की मदद से बदली जिंदगी
राजस्थान के वकील और समाजसेवी हिम्मत सिंह बालूपा ने अंकित का हुनर पहचाना. उन्होंने 10वीं से ही अंकित को गाइडेंस देना शुरू कर दिया था. हिम्मत सिंह ने उन्हें मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए जरूरी जानकारी दी, नोट्स भेजे, विशेषज्ञों से बातचीत करवाई और मनोबल भी बढ़ाया. बालूपा की मदद से अंकित को सीकर के एक कोचिंग संस्थान में एडमिशन मिला, जहां उन्होंने कम फीस में नीट यूजी की तैयारी की. यह एडमिशन उन्हें 10वीं में मार्क्स के आधार पर मिला था.
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Having an experience of 9 years, she loves to write on anything and everything related to lifestyle, entertainment and career. Currently, she is covering wide topics related to Education & Career but she also h…और पढ़ें
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