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हिंदी सिनेमा की लेजेंड एक्ट्रेसेज जिसके धर्मेंद्र भी थे दीवाने. दिलीप कुमार के साथ तो एक्ट्रेस ब्लॉकबस्टर दे चुकी थीं. लेकिन एक संत की बातों में आकर वह 36 साल तक गुमनाम रही. वो पहली ऐसी एक्ट्रेस थीं जिसने दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड लेने से भी इनकार कर दिया था.
नई दिल्ली. भारत सरकार से सिनेमा में योगदान के लिए मिलने वाला ‘दादा साहब फाल्के अवार्ड’ हर एक्टर का पहला और आखिरी सपना होता है. देश के राष्ट्रपति के हाथों मिलने वाला इस अवार्ड के लिए जिसे चुना जाए वो अपने आप में इडंस्ट्री का आइकॉन बन जाता है. लेकिन एक एक्ट्रेस ऐसी भी जिसने ये अवॉर्ड ठुकरा दिया था.

2005 में इंडियन सिनेमा की सबसे चर्चित एक्ट्रेसेज में से एक सुचित्रा सेन को ये अवार्ड ऑफर हुआ था.लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक एक्ट्रेस ने भारत के सबसे प्रतिष्ठित सिनेमा सम्मान को छोड़कर, जनता की नजरों से दूर, अपने एकांत में रहना चुना.

सुचित्रा सेन बंगाली फिल्मों की सुपरस्टार रह चुकीं थी, अपने करियर के पीक पर उन्होंने फिल्में छोड़ दीं और फिर कभी भी पब्लिक में नजर नहीं आईं. उन्होंने आखिरी बार 1978 में फिल्म ‘प्रणय पाशा’ में काम किया और उसके बाद एकदम गुमनामी की जिंदगी जीने लगीं.

सुचित्रा सेन ने अपने करियर में दिलीप कुमार के साथ पहली ‘देवदास’ में काम किया था. इस फिल्म में उन्होंने पारो का किरदार निभाकर इतिहास रच दिया था. गुलजार की ‘आंधी’ में ऐसी महिला नेता बनीं जिसे इंदिरा गांधी से जोड़ा गया.

बंगाली फिल्मों में उनकी जोड़ी उत्तम कुमार के साथ काफी हिट थी . इस जोड़ी को राज कपूर-नरगिस की जोड़ी से भी तुलना की जाती थी.सुचित्रा अपनी आखिरी फिल्म के फ्लॉप होने के बाद कोलकाता के पास रामकृष्ण मिशन चली गई थीं. एक संत की बातों में आकर उन्होंने दुनिया से दूर खुद को 36 साल तक कालकोठरी में बंद रखा. इसके बाद तो वह पूरी तरह फिल्मी दुनिया से दूर हो गई थीं, बस एक बार वह 1980 में करीबी दोस्त और को-स्टार उत्तम कुमार के निधन के वक्त बाहर आईं थीं उन्हें श्रद्धांजलि देने. इसके बाद वह कभी दोबारा कहीं नजर नहीं आईं.

सुचित्रा सेन अपने करियर में कई हिट फिल्मों में काम किया है.उनकी किताब में तो इस बात का भी जिक्र किया गया है कि एक बार राज कपूर ने उनके घर उन्हें फिल्म ऑफर करने गए थे. लेकिन एक्ट्रेस को उनका व्यवहार पसंद नहीं आया. बताया गया कि राज कपूर उनके पैर के पास बैठ गए और फूलों का गुलदस्ता देकर रोल ऑफर किया. सुचित्रा को बहुत खटकी. उन्होंने कहा, “मुझे मर्दों में खूबसूरती नहीं, दिमाग और बात करने का तरीका पसंद है.

खुद धर्मेंद्र भी सुचित्रा सेन पर फिदा थे. उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में ये खुलासा किया था कि उन्होंने सुचित्रा सेन को ‘देवदास’ में देखा था, तभी सोच लिया था कि वह उनके साथ काम करेंगे. दोनों ने साल 1966 में आई फिल्म ममता में काम किया भी. 17 जनवरी 2014 को सुचित्रा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था.