Tuesday, June 24, 2025
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ड्रोन को भूल जाइए, किसी भी मॉडर्न एयर अटैक को भारत की ‘शक्ति’ कर देगी तबाह


नई दिल्ली. आज के दौर में किसी देश की हवाई ताकत ही यह तय करती है कि जंग के हालात में वह दुश्मनों पर कितना भारी पड़ेगा. हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत-पाकिस्तान में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला. भारत की हवाई ताकत के सामने पाकिस्तान कहीं नहीं टिक सका. भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने भी कमाल का काम किया और पाकिस्तान की सारी कोशिशों को नाकाम कर दिया. इस जंग में ड्रोन की ताकत भी देखने को मिली, जब भारत ने ड्रोन के जरिए पाकिस्तान के हजारों किलोमीटर अंदर तक घुसकर हमला किया.

ड्रोन की ताकत को अभी हाल ही में यूक्रेन और रूस की जंग में देखा गया, जब यूक्रेनी सेना ने ड्रोन का इस्तेमाल कर रूस के कई विमानों को तबाह कर दिया. लेकिन भारत अब इसी ड्रोन और दूसरे हवाई हमलों से निपटने की तैयारी कर रहा है. और इसमें उसका साथ दे रही है फ्रांस की सेना. भारत और फ्रांस की सेनाओं के बीच संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास ‘शक्ति’ इस समय फ्रांस के कैंप लारजैक, ला कावेलरी में पूरी गति से जारी है.

भारत व फ्रांस यहां अपने अत्याधुनिक हथियारों से कॉम्बैट व गोलाबारी का अभ्यास कर रहे हैं. यहां आधुनिक हवाई खतरों से निपटने के लिए दोनों पक्षों ने मिलकर ड्रोन-रोधी तकनीक पर भी प्रशिक्षण लिया. इस अभ्यास में आक्रामक ड्रोन को निष्क्रिय करने वाले अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म्स का लाइव प्रदर्शन किया गया है. सेना के मुताबिक दोनों देशों की टुकड़ियां गहन संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण में लगी हुई हैं. इस संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण का उद्देश्य इंटरऑपरेबिलिटी (सह-कार्य क्षमता), सामरिक समन्वय और दोनों सेनाओं के बीच आपसी विश्वास को बढ़ाना है. संयुक्त युद्धाभ्यास ‘शक्ति’ का यह आठवां संस्करण है.

दोनों सेनाएं उप-पारंपरिक अभियानों पर केंद्रित मिशन-आधारित ड्रिल्स कर रही हैं. इन गतिविधियों में सेमी-डेवलप्ड इलाकों में कॉम्बैट शूटिंग, बाधा पार अभ्यास, संयुक्त योजना निर्माण और एडवांस्ड ऑब्स्टेकल कोर्स ट्रेनिंग शामिल हैं, जो यथार्थ युद्धक्षेत्र की स्थिति को दर्शाते हैं. कॉम्बैट शूटिंग के दौरान दोनों देशों ने अपनी-अपनी नई पीढ़ी की अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों का प्रदर्शन किया.

भारतीय सेना ने अपने स्वदेशी हथियारों की विश्वसनीयता, लचीलापन और सटीकता प्रस्तुत की. वहीं फ्रांसीसी दल ने अपनी प्रसिद्ध फ्रंटलाइन वेपन सिस्टम्स का उपयोग किया, जो बहुउपयोगी और टिकाऊ माने जाते हैं. सेना के मुताबिक लाइव फायरिंग और सामरिक अभ्यासों के दौरान दिखा सहयोग और समन्वय, दोनों सेनाओं की ऑपरेशनल रेडिनेस और कॉम्बैट दक्षता का परिचायक रहा.

सेना के मुताबिक विशेषज्ञ सैन्य दलों ने इलेक्ट्रॉनिक युद्ध से संबंधित विशेष मॉड्यूल्स में भी हिस्सा लिया. इलेक्ट्रॉनिक युद्ध मॉड्यूल्स का अभ्यास इसलिए किया जा रहा है जिससे की सुरक्षित संचार और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रभुत्व सुनिश्चित किया जा सके. अभ्यास के दौरान सैन्य निर्णय-निर्माण प्रक्रिया जैसे संयुक्त योजना सत्र आयोजित किए जा रहे हैं. इससे मिशन समन्वय, कमान की जवाबदेही और संचालनात्मक तालमेल को और बेहतर बनाया जा रहा है. यह अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच रणनीति, तकनीक और कार्यप्रणाली के सर्वोत्तम आदान-प्रदान का सशक्त माध्यम बनकर उभरा है.

सैन्य अभ्यास शक्ति का यह संस्करण भारत और फ्रांस के बीच गहरे रक्षा सहयोग का प्रतीक है. यह अभ्यास क्षेत्रीय स्थिरता, तकनीकी सहयोग और सामूहिक सुरक्षा लक्ष्यों के प्रति दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है. इस अभ्यास में भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व जम्मू-कश्मीर राइफल्स की एक बटालियन के नेतृत्व में ऑल-आर्म्स टीम कर रही है, जबकि फ्रांसीसी सेना की ओर से 13वीं फॉरेन लीजन हाफ-ब्रिगेड भाग ले रही है.



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