पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने मंगलवार शाम वाराणसी पुलिस ट्रेनिंग सेंटर पर रिक्रूट की तैयारियां परखीं। पुलिस लाइन के प्रशिक्षण भवन, कैंटीन, बैरक, मेस, शैक्षणिक सुविधाओं एवं अन्य लॉजिस्टिक्स का निरीक्षण किया। पुलिस अफसरों को 10 मुख्य प्राथमिकताओं पर म
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कहा कि हर पुलिसकर्मी आम नागरिकों के साथ वैसा ही व्यवहार करे, जैसा वह स्वयं के लिए अपेक्षा करते हैं। जनशिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए जनसुनवाई को प्रभावी बनाते हुए हर व्यक्ति की शिकायत का प्राथमकिता पर समयबद्ध समाधान सुनिश्चित किया जाए। वहीं कानून तोड़ने वालों के प्रति कोई सहानुभूति न बरती जाए।
मंगलवार शाम डीजीपी राजीव कृष्ण पुलिस लाइन में रिक्रूट आरक्षियों के प्रशिक्षण की व्यवस्थाओं के निरीक्षण के बाद अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने दस मुख्य प्राथमिकताओं पर मिशन मोड में कार्य करने के निर्देश दिये। कहा कि अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध जीरो टालेरेंस की नीति के तहत संगठित अपराध, माफियाओं और असमाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें।
महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तीकरण को विशेष प्राथमिकता दी जाए। महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता, सम्मान एवं सुरक्षा की भावना को बल देने के लिए ठोस प्रयास हों। उन्होंने कहा कि कहा कि डिजिटल युग की चुनौतियों के मद्देनजर उन्नत तकनीकों से साइबर अपराधों पर कार्रवाई की जाए। आमजन को दी जाने वाले पुलिस सेवाओं को और अधिक सरल, पारदर्शी और उत्तरदायी बनाई जाए।
पुलिसबल के अधिकारियों और कर्मचारियों की सुविधा, मनोबल और प्रेरणा हेतु प्रशासनिक तथा कल्याण योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किया जाए। दक्ष, अनुभवी एवं विशेषज्ञ अधिकारियों-कर्मियों की पहचान कर उनकी प्रतिभा का सदुपयोग हो। ट्रेनिंग में एसओपी का अनुपालन करें और हर verticle को हम बेस्ट बनायेंगे।

एआई और साइबर पर फोकस
डीजीपी ने पूरा फोकस स्मार्ट पुलिसिंग पर रहा और इसके लिए तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग कर डाटा आधारित निर्णय क्षमता को सशक्त बनाएं। सेवाकालीन प्रशिक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए पुलिसकर्मियों को नवीनतम चुनौतियों के लिए तैयार करें। प्रशिक्षण सिर्फ औपचारिकता नहीं डीजीपी ने पुलिस लाइन में रिक्रूट आरक्षियों के प्रशिक्षण की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।
नवचयनित आरक्षियों का प्रशिक्षण सिर्फ एक औपचारिकता नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश पुलिस की भावी संरचना को दिशा देने वाला ऐतिहासिक अवसर है। इसे पूरी प्रतिबद्धता, दक्षता एवं नेतृत्व क्षमता के साथ क्रियान्वित किया जाए। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी प्रशिक्षुओं को अपने अनुभव साझा करें। उन्होंने प्रशिक्षण भवन, कैंटीन, बैरक, मेस, शैक्षणिक सुविधाओं का निरीक्षण किया गया। इस दौरान पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल, अपर पुलिस महानिदेशक पीयूष मोर्डिया सहित समस्त वरिष्ठ अधिकारी रहे।
