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AATMANIRBHAR NAVY: खुद की तकनीक से खुद को ताकतवर बनाने में जुटा है. भारतीय नेवी जिस प्लान के साथ बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है वो है आत्मनिर्भर भारत. इस मुहीम के तहत नेवी खुद को 2047 तक पूरी तरह से स्वदेशी नेवी ब…और पढ़ें
स्वदेशी वॉरशिप पर होंगे स्वदेशी सुपर रैपिड गन माउंट सिस्टम
हाइलाइट्स
- भारतीय नौसेना आत्मनिर्भर भारत मुहिम में तेजी से आगे बढ़ रही है.
- SRGM गन एक मिनट में 120 राउंड फायर कर सकती है.
- SRGM गन के बैरल अब कानपुर में स्वदेशी तौर पर बनाए जा रहे हैं.
BHEL हरिद्वार में बन रही थी गन
हरिद्वार स्थित भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (BHEL) 1994 से लगातार नौसेना और कोस्ट गार्ड के शिप के लिए सुपर रैपिड गन माउंट गन का निर्माण कर रही है. इटली की कंपनी OTO Melara से लाइसेंस प्रोडक्शन के तहत इसे बनाया जा रहा है. साल 2023 में ही रक्षा मंत्रालय ने BHEL हरिद्वार से 16 अपग्रेडेड गन और अन्य साजो सामान की डील की थी. इस पूरे डील की कीमत 2956.89 करोड़ रुपये थी. प्रोजेक्ट 17A के तहत 7 नीलगिरी गाइडेड मिसाइल स्टेल्थ फ्रीगेट नौसेना के लिए बनाए जा रहे हैं. इसी अपग्रेडेड SRGM की पहली गन इसी साल नौसेना में शामिल किए गए INS नीलगिरि में लगाई गई है. MDL और GRSE में बन रहे बाकी सभी स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रीगेट में यही अपग्रेडेड गन लगनी है.
सुपर रैपिड गन माउंट की ताकत की बात करें तो इसकी रफ्तार के आगे फाइटर जेट की रफ्तार भी फीकी पड़ जाएगी. एक मिनट में 120 राउंड इस गन से दागे जा सकते हैं. इस गन के बैरल की लंबाई 4588 मिलीमीटर है. इससे 76mm के राउंड दागे जाते हैं. दुश्मन के फाइटर जेट को 15 किलोमीटर दूर ही ढेर कर सकता है. यह एक मीडियम कैलिबर एंटी मिसाइल एंटी एयरक्राफ्ट गन है. इसकी खासियत है इसका रेट ऑफ फायर और सटीकता. इस वेपन की खासियत है एक साथ कई टार्गेट को एंगेज करना. यह तेज रफ्तार से मूव करने वाले क्राफ्ट और मिसाइल के खिलाफ सबसे बेहतर है. यह पूरी तरह से रिमोट कंट्रोल के जरिए ऑपरेट होती है.
स्वदेशी SRGM से पहले तैयार स्वदेशी बैरल
अब तक स्वदेशी तौर पर SRGM की बैरल नहीं बनाई जाती थी. अब इस गन का बैरल कानपुर की फील्ड गन फैक्ट्री में तैयार किया जा रहा है. पिछले महीने ही भारतीय नौसेना को SRGM के दो बैरल सौंपे गए हैं. पहली बार है जब और नौसेना को जो बैरल सौंपे गए हैं, वे स्वदेशी बैरल की पहली खेप हैं. अब आगे से इस गन के बैरल को बाहर से नहीं मंगवाया जाएगा. जितने भी वॉरशिप में यह सुपर रैपिड गन माउंट गन लगी है, उनकी बैरल की रिप्लेसमेंट इन्हीं स्वदेशी बैरल के जरिए होगी. जितने भी नए वॉरशिप आने वाले दिनों में शामिल होंगे, उनमें भी यही स्वदेशी बैरल ही लगाई जाएगी. चूंकि अब यह बैरल भारत में तैयार हो रही है, लिहाजा इसकी कीमत भी पहले से कम होगी.