Monday, July 7, 2025
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फुटबॉल और सांबा के देश ब्राजील में घूसखोरी का जुगाड़: यहां कार्निवाल में शामिल होते हैं 1 करोड़ लोग, किस करने के भी 3 तरीके


ब्रासीलिया22 मिनट पहले

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साल- 1964

जगह- रियो डी जनेरियो

दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला कही जाने वालीं मशहूर फ्रेंच एक्ट्रेस ब्रिजेट बार्डो ब्राजील पहुंचीं। चूंकि वह फ्रांस से थीं, इसलिए उन्हें खुश करने के लिए होटल के मैनेजर ने उनके देश से एक खास डिश मंगवाई, लेकिन यह एयरपोर्ट के कस्टम में फंस गई।

उस समय ब्राजील के कस्टम नियम बहुत सख्त थे। खाने-पीने के सामान के इम्पोर्ट पर कड़ी पाबंदी थी। सामान छुड़ाने के लिए कागजी कार्रवाई होती थी, जिसमें वक्त लगता था। ऐसे में खाना खराब होने का खतरा था। इसके लिए होटल के मैनेजर ने दूसरा रास्ता अपनाया।

मैनेजर ने कस्टम अफसरों से दोस्ती की, उन्हें सिगार और शराब के तोहफे दिए जिसके बाद वह खाना कस्टम से छूट पाया। यह किस्सा उस दौर में इतना मशहूर हुआ कि मीडिया ने इसे ‘जेइटिन्हो ब्रिजेट बार्डो’ कहा।

इसी ब्राजील में फिलहाल ब्रिक्स की 17वीं समिट हो रही है। फुटबॉल, सांबा और कार्निवाल के लिए मशहूर ब्राजील में जेइटिन्हो (ब्राजीली जुगाड़), बेजियो (किस) जैसे रिवाज भी काफी प्रचलित हैं। स्टोरी में हम इन सभी के बारे में जानेंगे…

1956 में रिलीज हुई फिल्म ‘एंड गॉड क्रिएटेड वुमन’ ने ब्रिजेट बार्डो को 20 की उम्र में ही रातों-रात सुपरस्टार बना दिया।

1956 में रिलीज हुई फिल्म ‘एंड गॉड क्रिएटेड वुमन’ ने ब्रिजेट बार्डो को 20 की उम्र में ही रातों-रात सुपरस्टार बना दिया।

‘जेइटिन्हो ब्रासीलीरो’ यानी ब्राजीली जुगाड़

देखा जाए तो ‘जेइटिन्हो ब्रासीलीरो’ एक तरह से रिश्वत का दूसरा तरीका है। दुनियाभर के देशों में घूसघोरी को लेकर कानून हैं और इसके लिए जेल की भी सजा है। ब्राजील में भी रिश्वत एक अपराध है, लेकिन जेइटिन्हो को यहां अनैतिक नहीं माना जाता।

ब्राजील में अगर किसी का काम फंसा हुआ हो तो उनसे कहा जाता है- ‘जेइटिन्हो ब्रासीलीरो’ यानी ब्राजीली जुगाड़ निकालो। जेइटिन्हो ब्रासीलीरो में मुश्किलों को हल करने के लिए हर मुमकिन तरीका आजमाया जाता है।

मुश्किल काम को आसानी से करने का तरीका

ब्राजील में जेइटिन्हो का चलन उपनिवेशी दौर (16वीं सदी) में शुरू हुआ। पुर्तगालियों ने ब्राजील पर कब्जा करने के बाद वहां अपने नियम-कायदे लागू कर दिए। ये कानून यूरोप से अपनाए गए थे और ब्राजील के लोगों के लिए मुश्किल बन रहे थे।

ऐसे में लोगों ने अधिकारियों से बेहतर रिश्ते बनाकर, छोटी-मोटी घूस से काम निकालने का हुनर विकसित कर लिया। 20वीं सदी में यह कल्चर इतना मजबूत हो गया था कि हर सरकारी या गैर-सरकारी प्रक्रिया में लोग नियमों के लूपहोल खोजने लगे। नब्बे के दशक में लिविया बारबोसा ने अपनी किताब ‘ओ जेइटिन्हो ब्रासीलीरो’ में इसके बारे में विस्तार से बताया।

घूसखोरी से कितना अलग है जेइटिन्हो

इसे ऐसे समझिए कि ब्राजील में एक मशहूर रेस्टोरेंट में आपको टेबल बुकिंग करनी है, लेकिन यह कई दिन पहले ही फुल हो चुकी है। ऐसे में आप रेस्टोरेंट के मैनेजर के दोस्त के जरिए संपर्क करते हैं और मैनेजर के लिए एक खास इम्पोर्टेड वाइन गिफ्ट के तौर पर भिजवाते हैं।

इस तोहफे के बाद मैनेजर ने ‘बीच का रास्ता’ तलाशा और एक वीआईपी कस्टमर की बुकिंग कैंसिल कर दी, जिससे ग्राहक को जगह मिल गई। यह जेइटिन्हो है। हालांकि ये जरूरी नहीं कि आपको जेइटिन्हो में गिफ्ट देना जरूरी हो।

मान लो आप सरकारी दफ्तर में लाइन में लगे हैं और आपका नंबर 10वां है, लेकिन आपकी वहां के चपरासी से अच्छी दोस्ती है। ऐसे में आपको वह देखते ही अंदर बुला लेता है। आपने कोई कानून नहीं तोड़ा, न घूस दी, सिर्फ रिश्ते का फायदा उठाया। इसे जेइटिन्हो कहा जाता है।

हालांकि कभी-कभार लोग जेइटिन्हो (जुगाड़) और ब्राइबरी (घूस) के बीच की महीन रेखा पार कर लेते हैं। लोग अपना काम निकालने के लिए महंगे तोहफे गिफ्ट करते हैं। ऑपरेशन लावा जाटो यानी ‘कार वॉश ऑपरेशन’, ब्राजील का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक भ्रष्टाचार घोटाला था, जिसने पूरे ब्राजील के राजनीतिक और कारोबारी तंत्र को हिला दिया था।

ऑपरेशन लावा जाटो ब्राजील के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला था। इसकी शुरुआत 2014 में हुई थी।

ऑपरेशन लावा जाटो ब्राजील के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला था। इसकी शुरुआत 2014 में हुई थी।

लावा जाटो में फंसे लूला डि सिल्वा, 12 साल की जेल हुई 2014 में ब्राजील की संघीय पुलिस ने जांच शुरू की, जब एक क्यूरेटिबा शहर की कार वॉश (लावा जाटो) में मनी लॉन्ड्रिंग के सुराग मिले। यहीं से इसका नाम ‘लावा जाटो ऑपरेशन’ पड़ा। घोटाले की जड़ ब्राजील की राष्ट्रीय तेल कंपनी पेट्रोब्रास में थी।

कई बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनियों ने पेट्रोब्रास के अधिकारियों को भारी रिश्वत दी, ताकि उन्हें महंगे कॉन्ट्रैक्ट मिलें। ये रिश्वत राजनेताओं और पार्टियों तक भी गई, ताकि सरकार और संसद में उनके हित साधे जा सकें।

अनुमान है कि रिश्वत और घपले की रकम 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से भी ज्यादा थी। पेट्रोब्रास के कई प्रोजेक्ट्स में लागत दोगुनी-तिगुनी कर दी गई, ताकि दलाल, कंपनी और नेता सब हिस्सेदारी लें। इसमें कई टॉप बिजनेस टायकून फंसे। जैसे ओडेब्रेख्ट कंपनी के सीईओ मार्सेलो ओडेब्रेख्ट को जेल हुई।

ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा पर भी आरोप लगे कि उन्होंने पेट्रोब्रास घोटाले में शामिल कंपनियों से रिश्वत ली। आरोप था कि OAS नाम की कंस्ट्रक्शन कंपनी ने लूला को एक लग्जरी अपार्टमेंट दिलवाया और उसे रेनोवेट करवाया। इसके बदले में OAS को पेट्रोब्रास से फायदेमंद कॉन्ट्रैक्ट मिले।

लूला डा सिल्वा को 12 साल की जेल हुई। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें रिहा कर दिया, लेकिन तब तक वे 19 महीने जेल में बिता चुके थे।

अप्रैल 2018 में जेल से रिहा होने के बाद समर्थकों के साथ लूला डा सिल्वा। (फाइल फोटो)

अप्रैल 2018 में जेल से रिहा होने के बाद समर्थकों के साथ लूला डा सिल्वा। (फाइल फोटो)

लावा जाटो स्कैंडल पूरी दुनिया में चर्चित हुआ। इसमें सैकड़ों लोग जेल गए थे और अरबों डॉलर की रिकवरी हुई थी। लावा जाटो के खुलासे सिर्फ ब्राजील तक सीमित नहीं रहे। इसमें ओडेब्रेख्ट कंपनी ने लैटिन अमेरिका, अफ्रीका और यूरोप के कई देशों में नेताओं को रिश्वत देने की बात कबूली। इसका असर ये हुआ कि पेरू, वेनेजुएला, इक्वाडोर, अंगोला समेत कई देशों में प्रदर्शन हुए।

ब्राजील में 1-2-3 किस का रिवाज

पुर्तगालियों ने ब्राजील पर कब्जा किया तो अपने रीति-रिवाज भी साथ लाए। इनमें से एक रिवाज था बेजियो यानी कि गालों पर किस करने का रिवाज। ब्राजील के अमीर वर्ग और राजघरानों में यूरोपीय एलीट का फैशन अपनाने का चलन था, जिसने इस रिवाज को फैला दिया।

इसमें दिक्कत यह हुई कि यह अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके से होने लगा। जैसे कि साओ पोलो में गाल पर एक हल्का किस का चलन है। रियो डी जेनेरो में दोनों गाल पर किस का चलन है।

वहीं, ब्राजील के दक्षिणी इलाकों जैसे कि मिनास गैरेस में तीन किस का चलन है। बारी-बारी से दाहिना-बायां-दाहिना या बायां-दाहिना-बायां। पुरुष आमतौर पर एक-दूसरे को किस नहीं करते। यह रिवाज पुरुष-महिला या महिलाओं के बीच प्रचलित है।

कार्निवाल बेहद पॉपुलर, 1 करोड़ लोग शामिल होते हैं

कार्निवाल दुनिया के सबसे बड़े और सबसे प्रसिद्ध उत्सवों में से एक है। कार्निवाल की तारीख हर साल बदलती है, लेकिन आम तौर पर यह फरवरी या मार्च में पड़ता है। मुख्य कार्निवाल सप्ताह शुक्रवार से मंगलवार तक चलता है।

रियो का कार्निवाल सबसे मशहूर है। इसमें होने वाली सांबा परेड दुनियाभर में मशहूर है। इसमें दर्जनों सांबा स्कूल शानदार थीम, सजे हुए फ्लोट्स, भव्य कॉस्ट्यूम और संगीत के साथ परेड करते हैं। हर साल लाखों लोग इसे लाइव देखते हैं या टीवी पर देखते हैं।

सिर्फ रियो के कार्निवाल में ही रोजाना 20 लाख तक लोग सड़कों पर होते हैं। पूरे ब्राजील में करीब 1 करोड़ से ज्यादा लोग कार्निवाल में शामिल होते हैं। लाखों विदेशी पर्यटक भी कार्निवाल देखने आते हैं।

ब्राजील में कार्निवल और सांबा से जुड़ीं 5 तस्वीरें…

ब्राजील के रियो डी जेनेरियो के सांबाड्रोम में कार्निवल समारोह के दौरान एकेडमिकोस डू ग्रांडे रियो सांबा स्कूल के कलाकार परेड करते हुए।

ब्राजील के रियो डी जेनेरियो के सांबाड्रोम में कार्निवल समारोह के दौरान एकेडमिकोस डू ग्रांडे रियो सांबा स्कूल के कलाकार परेड करते हुए।

ब्राजील के रियो डी जेनेरियो के सांबाड्रोम में कार्निवल समारोह के दौरान एकेडमिकोस डू ग्रांडे रियो सांबा स्कूल की कलाकार। (फाइल फोटो)

ब्राजील के रियो डी जेनेरियो के सांबाड्रोम में कार्निवल समारोह के दौरान एकेडमिकोस डू ग्रांडे रियो सांबा स्कूल की कलाकार। (फाइल फोटो)

ब्राजील के रियो डी जेनेरियो के सांबाड्रोम में कार्निवल समारोह के दौरान विला इसाबेल सांबा स्कूल की फ्लोट परेड। (फाइल फोटो)

ब्राजील के रियो डी जेनेरियो के सांबाड्रोम में कार्निवल समारोह के दौरान विला इसाबेल सांबा स्कूल की फ्लोट परेड। (फाइल फोटो)

ब्राजील के रियो डी जेनेरियो के सांबाड्रोम में कार्निवल समारोह के दौरान उनियाओ दा इल्हा डो गवर्नर सांबा स्कूल की कलाकार। (फाइल फोटो)

ब्राजील के रियो डी जेनेरियो के सांबाड्रोम में कार्निवल समारोह के दौरान उनियाओ दा इल्हा डो गवर्नर सांबा स्कूल की कलाकार। (फाइल फोटो)

साओ पाउलो में कार्निवल परेड के दौरान एक झांकी पर परफॉर्म करते हुए नेने डी विला मटिल्डे सांबा स्कूल के डांसर्स। (फाइल फोटो)

साओ पाउलो में कार्निवल परेड के दौरान एक झांकी पर परफॉर्म करते हुए नेने डी विला मटिल्डे सांबा स्कूल के डांसर्स। (फाइल फोटो)

ब्राजील में फुटबॉल जुनून, गर्व और राष्ट्रीय पहचान का प्रतीक

फुटबॉल ब्राजील का सबसे लोकप्रिय खेल है और इसे राष्ट्रीय खेल का दर्जा भी प्राप्त है। ब्राजील ने रिकॉर्ड 5 बार फीफा वर्ल्ड कप जीता है। देश में 7000 से ज्यादा फुटबॉल क्लब पंजीकृत हैं और लाखों बच्चे अकादमियों और गलियों में फुटबॉल खेलते हैं।

माराकाना स्टेडियम को फुटबॉल का मक्का कहा जाता है। यहां पर 1950 के वर्ल्ड कप फाइनल में 2,00,000 से ज्यादा लोग मौजूद थे। यह किसी फुटबॉल मैच का रिकॉर्ड है। ब्राजीलियाई फुटबॉलर्स पूरी दुनिया में खेलने जाते हैं।

वर्ल्ड कप के दौरान ब्राजील में ऑफिस, स्कूल, दुकानें सब बंद हो जाती हैं और हर जगह टीवी स्क्रीन पर मैच चल रहा होता है। सड़कों को हरी-पीली रंगोली से सजाया जाता है और घरों पर झंडे लहराते हैं।

वर्ल्ड कप के दौरान ब्राजील में ऑफिस, स्कूल, दुकानें सब बंद हो जाती हैं और हर जगह टीवी स्क्रीन पर मैच चल रहा होता है। सड़कों को हरी-पीली रंगोली से सजाया जाता है और घरों पर झंडे लहराते हैं।

2022 के आंकड़ों के अनुसार, 1200 से ज्यादा प्रोफेशनल ब्राजीलियाई खिलाड़ी विदेशों में क्लब फुटबॉल खेल रहे थे। यह किसी भी देश से सबसे ज्यादा है। वर्ल्ड कप के दौरान ब्राजील में सरकारी दफ्तर और कई स्कूल बंद कर दिए जाते हैं ताकि लोग मैच देख सकें।

ब्राजील में फुटबॉल सिर्फ खेल नहीं, रोजगार का भी बड़ा साधन है। हजारों लोग क्लब, स्टेडियम, मर्चेंडाइजिंग और प्रसारण से जुड़कर रोजगार पाते हैं। फीफा के एक सर्वे के मुताबिक, 50% से ज्यादा ब्राजीलियाई बच्चे प्रोफेशनल फुटबॉलर बनने का सपना देखते हैं। ……………………………………

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अर्जेंटीना में मोदी- फुटबॉल का दीवाना देश, करप्शन में बर्बाद:100 साल पहले अमेरिका से सुपर पावर की रेस में था, 7 बार कैसे दिवालिया हुआ

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दुनिया में सिर्फ चार तरह की इकोनॉमी होती हैं, डेवलप्ड, अंडर डेवलप्ड, जापान और अर्जेंटीना।

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70 के दशक में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री साइमन कुजनेट्स ने यह बात मजाक में कही थी, लेकिन अर्जेंटीना के बुरे हालात बयान करने के लिए यह एक मशहूर जुमला बन गया।

जापान 2 परमाणु हमले झेलकर भी दुनिया का टॉप अमीर देश बन गया, जबकि 100 साल पहले अमेरिका के साथ सुपरपावर बनने की रेस में रहा अर्जेंटीना पिछड़ता चला गया।

अर्जेंटीना ने 20वीं सदी में ऐसा पतन झेला, जिसकी इतिहास में दूसरी मिसाल मिलना काफी मुश्किल है। पिछले 100 साल में यह देश 7 बार दिवालिया हो चुका है। यहां 6 तख्तापलट हो चुके हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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