Monday, July 7, 2025
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सत्यनारायण कथा का मुख्य प्रसाद है पंजीरी, जानिए इसे बनाने और भोग लगाने का सही तरीका


Satyanarayan Puja Prasad Recipe : सत्यनारायण भगवान की कथा में कई चीज़ें बहुत खास मानी जाती हैं. इनमें से एक है-पंजीरी. यह एक पारंपरिक प्रसाद है जो कथा के बाद भगवान को भोग लगाने और श्रद्धालुओं में बांटने के लिए बनाया जाता है. यह सिर्फ एक मीठा व्यंजन नहीं है, बल्कि इसमें भक्ति, शुद्धता और परंपरा का मेल होता है. इस लेख में हम आपको बताएंगे कि पंजीरी क्यों बनती है, इसे कैसे बनाया जाता है और इसमें क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए.

पंजीरी बनाने के लिए ज़रूरी सामग्री
पंजीरी बनाने के लिए जिन चीज़ों की ज़रूरत होती है, वे अधिकतर हर घर में मिल जाती हैं. जैसे:

-गेहूं का आटा
-देसी घी
-चीनी (या बूरा)
-मखाना
-बादाम
-काजू
-किशमिश
-सूखा नारियल
-इलायची पाउडर

इन सब चीज़ों को मिलाकर ही बनती है वो खास पंजीरी, जो कथा में भगवान सत्यनारायण को चढ़ाई जाती है.

बनाने की विधि
1. आटे की भुनाई
सबसे पहले कढ़ाई में देसी घी गर्म करें और उसमें गेहूं का आटा डालें. मध्यम आंच पर लगातार चलाते हुए भूनें. जब आटा सुनहरे रंग का हो जाए और खुशबू आने लगे, तब समझिए कि यह ठीक से भुन चुका है. यह पूरी प्रक्रिया करीब 10–12 मिनट लेती है.

2. मेवा की तैयारी
उसी कढ़ाई में थोड़ा और घी डालें और उसमें मखाना, बादाम, काजू, किशमिश और सूखे नारियल के टुकड़े डालें. धीमी आंच पर इन्हें कुरकुरा और सुनहरा होने तक भूनें. ध्यान रखें कि मेवा जलने न पाए.

3. मिलाना और मिठास जोड़ना
एक बड़े बर्तन में भुना हुआ आटा और भुनी हुई मेवा मिलाएं. अब इसमें बारीक पिसी हुई चीनी (या बूरा) और इलायची पाउडर डालें. सब चीज़ों को अच्छे से मिक्स करें ताकि स्वाद बराबर फैले. अगर आप चाहें तो थोड़ी सी तुलसी भी अंत में मिला सकते हैं, लेकिन ज्यादातर लोग भोग लगाते समय ही तुलसी का पत्ता डालते हैं.

भोग लगाने और स्टोर करने की जानकारी

-इस पंजीरी को कथा शुरू होने से पहले बनाकर रख लें ताकि कथा के बाद तुरंत भोग लगाया जा सके.
-इसे एयरटाइट डिब्बे में भरकर आप कई दिनों तक रख सकते हैं. यह जल्दी खराब नहीं होती.
-रोज़ ठाकुर जी को भोग लगाने के लिए भी यह बहुत अच्छा विकल्प है.



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