हरदा जिले में आदिवासी आबादी 25 प्रतिशत से अधिक है। इसके बावजूद जिला मुख्यालय पर स्कूली आदिवासी छात्राओं के लिए कोई छात्रावास नहीं है। ग्रामीण इलाकों से पढ़ने आई बालिकाएं किराए के मकानों में रहकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
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जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा एससी और एसटी वर्ग के कुल 39 छात्रावास संचालित किए जा रहे हैं। इनमें 18 एससी और 21 एसटी वर्ग के हैं। जिला मुख्यालय पर चार छात्रावास हैं, लेकिन ये कॉलेज छात्रों, अंग्रेजी माध्यम के बालकों और सीनियर विद्यार्थियों के लिए हैं। स्कूल की आदिवासी छात्राओं के लिए कोई अलग छात्रावास नहीं है।
विभाग की सफाई- एससी छात्रावास में 10 सीटें एसटी छात्राओं को जिला संयोजक पारुल जैन ने बताया कि एससी छात्रावास में कुल 50 सीटें हैं। इनमें 40 एससी छात्राओं के लिए और 10 एसटी छात्राओं के लिए आरक्षित होती हैं। यदि सीटें खाली होती हैं तो बाकी छात्राओं को प्रवेश दिया जाता है।
गरीब अभिभावक बोले- किराए का कमरा लेकर पढ़ाई नहीं करवा सकते हंडिया के ग्रामीण बादाम सिंह ने कहा कि उन्होंने अपनी बेटियों को ग्यारहवीं कक्षा में जिला मुख्यालय के उत्कृष्ट विद्यालय में भर्ती कराया है, लेकिन हॉस्टल नहीं मिलने से वे किराए का कमरा लेकर पढ़ाई नहीं करवा सकते।