नई दिल्ली4 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
उज्ज्वल निकम ने कहा कि कोर्ट ने संजय दत्त को TADA के तहत आतंकी नहीं माना, AK-47 रखने का दोषी करार दिया था।
सीनियर एडवोकेट उज्ज्वल निकम ने कहा कि 1993 के मुंबई बम धमाके रोके जा सकते थे। अगर एक्टर संजय दत्त उस गाड़ी के बारे में पुलिस को बता देते, जिसमें से उन्होंने AK-47 बंदूक उठाई थी तो ये धमाके कभी नहीं होते। हाल ही में निकम को राज्यसभा सदस्य मनोनीत किया गया है।
उन्होंने बताया कि धमाकों से कुछ दिन पहले अबू सलेम (गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम का आदमी) हथियारों से भरी एक वैन लेकर संजय दत्त के घर आया था। उसमें हथगोले और AK-47 थी। संजय ने उसमें से कुछ हथियार ले लिए। बाद में उन्होंने सब लौटा दिए, लेकिन एक AK-47 रख ली।
निकम ने कहा कि इस बारे में पुलिस को जानकारी न देना धमाकों का कारण बना, जिनमें इतने सारे लोग मारे गए। निकम ने ये बातें NDTV को दिए एक इंटरव्यू में कहीं।
12 मार्च 1993 को मुंबई के अलग-अलग इलाकों में सिलसिलेवार 13 बम धमाके हुए थे। इसमें 257 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

निकम बोले- संजय निर्दोष, कानून की नजर में अपराधी निकम ने कहा कि संजय दत्त निर्दोष थे। उन्होंने बंदूक सिर्फ इसलिए रखी, क्योंकि उन्हें हथियारों का शौक था। उन्होंने कानून की नजर में अपराध किया, लेकिन वे सीधे-सादे इंसान हैं। संजय के पास AK-47 थी, लेकिन उन्होंने कभी भी वह बंदूक नहीं चलाई।
उन्होंने कहा- कोर्ट ने संजय को टेररिस्ट एंड डिस्रप्टिव एक्टिविटीज एक्ट (TADA) के तहत आतंकवादी नहीं माना, लेकिन प्रतिबंधित हथियार AK-47 रखने का दोषी करार दिया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी छह साल की सजा को घटाकर पांच साल कर दिया था।
निकम ने कहा- संजय फैसला बर्दाश्त नहीं कर पाए थे संजय दत्त को आर्म्स एक्ट के तहत दोषी ठहराए जाने के बाद मामले में सरकारी वकील रहे उज्ज्वल निकम के साथ उनकी बातचीत सुर्खियों में रही थी। हालांकि, यह कभी सामने नहीं आया कि दोनों के बीच क्या बात हुई। इंटरव्यू के दौरान निकम ने इस बातचीत का खुलासा किया।
निकम ने कहा- सजा सुनाए जाने के बाद संजय दत्त ने अपना आपा खो दिया था। मैंने उनके हावभाव बदलते देखे। मुझे लगा कि वे सदमे में हैं। वह फैसला बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे और कांप रहे थे। वे कटघरे में थे और मैं पास में ही था।
निकम ने बताया कि मैंने उनसे कहा- संजय ऐसा मत करो। मीडिया तुम्हें देख रहा है। अगर डरे हुए दिखोगे तो लोग तुम्हें दोषी मानेंगे। तुम्हारे पास अपील करने का मौका है। इस पर उन्होंने कहा- ‘यस सर, यस सर’।
निकम ने बताया- कसाब ने जेल में बिरयानी मांगी थी उज्ज्वल निकम 26/11 मुंबई हमला मामले में सरकारी वकील थे। उन्होंने आतंकवादी अजमल कसाब को फांसी की सजा दिलवाने में अहम भूमिका निभाई थी। इंटरव्यू में जब निकम से कसाब को जेल में बिरयानी खिलाए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आतंकवादी ने वास्तव में बिरयानी मांगी थी, लेकिन नेताओं ने बात को पकड़ लिया और राजनीतिकरण कर दिया।
2 दिन पहले राज्यसभा के लिए नॉमिनेट हुए हैं निकम

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 13 जुलाई को राज्यसभा के लिए 4 सदस्यों को नॉमिनेट किया था। इनमें पूर्व सरकारी वकील और लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार रहे उज्ज्वल निकम भी शामिल हैं।
निकम, 26/11 के मुंबई हमला समेत कई हाई-प्रोफाइल मामलों में पब्लिक प्रोसिक्यूटर रहे हैं। इनके अलावा समाजसेवी और शिक्षाविद सी सदानंदन मास्टर, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और इतिहासकार मीनाक्षी जैन भी राज्यसभा के लिए नामित किया गया है। पूरी खबर पढ़ें…
————————————————————–
मुंबई बम धमाकों से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…
बाबरी विध्वंस का बदला, मुंबई में 12 ब्लास्ट, जानबूझकर चुना था नमाज का वक्त

12 मार्च 1993, उस रोज शुक्रवार था। मुंबई के वर्ली इलाके का रहने वाला 13 साल का तुषार आम दिनों की तरह ही स्कूल जाने की तैयारी में था। सातवीं क्लास का तुषार मां से टिफिन लेकर स्कूल के लिए घर से निकला। पूरी खबर पढ़ें…
32 साल बाद टाडा कोर्ट का आदेश- टाइगर मेमन की प्रॉपर्टी सरकार को सौंपें, इनमें 14 संपत्तियां शामिल

मुंबई सीरियल बम धमाकों के 32 साल बाद 26 मार्च को स्पेशल टाडा कोर्ट ने टाइगर मेमन की संपत्तियां केंद्र को सौंपने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि 1993 के मुंबई सीरियल बम धमाकों के मास्टरमाइंड टाइगर मेमन और उसके परिवार की 14 संपत्तियां केंद्र सरकार को सौंप दी जाएं। पूरी खबर पढ़ें…