नई दिल्ली (AI Tools For Students). एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने हर किसी की जिंदगी में अपनी जगह बनाना शुरू कर दिया है. बच्चे हों या बड़े, हर कोई एआई का इस्तेमाल करने लगा है. स्कूलों में एआई से जुड़े कोर्स लॉन्च कर दिए गए हैं और बच्चे होमवर्क तक के लिए एआई टूल्स का यूज़ कर रहे हैं. एआई का ज्यादा इस्तेमाल आपकी सोचने-समझने की क्षमता को चैलेंज कर सकता है. इसलिए अगर बच्चे पढ़ाई-लिखाई के लिए एआई का यूज़ कर रहे हैं तो उन्हें अपनी लिमिट पता होनी चाहिए.
स्टूडेंट्स के लिए एआई के फायदे
सीखने-सिखाने के दौर में एआई बहुत शानदार साबित हो सकता है. जानिए स्टूडेंट्स के लिए एआई के फायदे-
1. सीखने में रखें स्पीड का ध्यान- एआई टूल्स स्टूडेंट की स्पीड के हिसाब से खुद को एडजस्ट कर सकते हैं. आपकी सीखने की क्षमता तेज हो या धीमी, एआई प्लेटफॉर्म आपके हिसाब से सरल भाषा में पर्सनलाइज्ड कंटेंट तैयार कर सकते हैं.
2. तुरंत मिलेगा सपोर्ट- अगर आप लेट नाइट पढ़ाई करते हैं या सुबह जल्दी उठकर तो हो सकता है कि किसी टॉपिक पर फंसने पर तुरंत मदद न मिल पाए. इस कंडिशन में एआई आपकी मदद कर सकता है. एआई बॉट्स और असिसटेंट 24/7 आपके डाउट्स सॉल्व करने के लिए तैयार रहते हैं.
3. मजेदार होता है सीखने का प्रोसेस- एआई कहानी लिखने, म्यूज़िक क्रिएट करने या मॉडल्स डिजाइन करने जैसे क्रिएटिव टास्क के लिए सपोर्ट करता है. एआई स्टूडेंट्स को नए आइडिया का आइडिया देकर रोचक प्रोजेक्ट्स में गाइड कर सकता है.
4. भविष्य के लिए होगी तैयारी- बेसिक कोडिंग से लेकर मशीन की वर्किंग समझने तक, एआई स्टूडेंट्स को ऐसी स्किल्स सिखाता है, जो भविष्य में जॉब मार्केट में अपनी जगह बनाने में मदद कर सकती हैं.
Effective Use of AI: पढ़ाई के लिए एआई के फायदे
एआई बहुत फायदेमंद टूल है. अगर आप पढ़ाई के लिए एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसके लिए स्ट्रैटेजी बनाना जरूरी है:
1. एआई से पहले खुद करें ट्राई- किसी सवाल का जवाब लिखने या प्रॉब्लम सॉल्व करने के लिए पहले अपने दिमाग का इस्तेमाल करें. एआई की मदद लेने से पहले खुद को चांस दें. अगर कई कोशिशों के बाद भी जवाब न निकले तो एआई के जरिए अपनी कमियां एनालाइज करें.
2. कॉपी-पेस्ट से नहीं बनेगी बात- एआई का इस्तेमाल गंभीर सवालों के लिए करें. सिर्फ किसी सवाल का जवाब जानने के लिए एआई का यूज न करें. उससे पूछें कि जवाब यह क्यों है या उदाहरण देने के लिए कहें. इससे टॉपिक को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी.
3. चीटिंग को कहें न– अगर आप बिना पढ़े या बिना सोचे एआई से जस का तस असाइनमेंट कॉपी कर लेते हैं तो उसे चीटिंग की कैटेगरी में रखा जाएगा. हो सकता है कि उससे आप किसी परीक्षा में पास हो जाएं, लेकिन आपकी स्किल्स डेवलप नहीं हो पाएंगी.
4. शॉर्टकट से दूरी– प्रैक्टिस करने के लिए ग्रामर चेकर, मैथ सॉल्वर और कॉन्सेप्ट एक्सप्लेनर जैसे एआई टूल्स का इस्तेमाल करें. लेकिन मेहनत से बचने के लिए उन्हें शॉर्टकट की तरह यूज़ करने की गलती न करें. एआई से सिर्फ मदद लें, उससे काम न करवाएं.
5. कम करें स्क्रीन टाइम– पढ़ाई के साथ आउटडोर एक्टिविटीज, हॉबीज और किताबें पढ़ने के लिए भी समय निकालें. एआई टूल्स मददगार साबित हो सकते हैं. लेकिन ध्यान रखें कि वे स्पोर्ट्स या सोशल टाइम को रिप्लेस न कर दें.
AI Side Effects for Students: एआई का ज्यादा इस्तेमाल करने के नुकसान
किसी भी अन्य टूल की तरह एआई टूल्स का ज्यादा इस्तेमाल भी रिस्की माना जाता है. इससे दिमाग को नुकसान पहुंच सकता है:
1. कमजोर याददाश्त- जब स्टूडेंट्स फैक्ट्स याद करने या सवालों के जवाब देने के लिए एआई पर निर्भरता बढ़ा देते हैं तो इससे उनकी याददाश्त को नुकसान पहुंचता है. कुछ समय के बाद किसी सपोर्ट के बिना चीजें याद करना या यूनीक आइडिया जनरेट कर पाना मुश्किल हो जाएगा.
2. क्रिएटिविटी पर असर- अगर स्टूडेंट्स आइडियाज़ जनरेट करने या असाइनमेंट पूरे करने के लिए लगातार एआई की मदद लेते हैं तो उनकी इमैजिनेशन पावर खत्म हो सकती है.
3. कॉपी-पेस्ट माइंडसेट- एआई जनरेटेड कॉन्टेंट आसानी से कॉपी-पेस्ट किया जा सकता है. इससे कंटेंट की चोरी की आशंका बढ़ती है.
4. बढ़ता है स्क्रीन टाइम- ज्यादातर एआई टूल्स लैपटॉप और टैबलेट जैसे डिवाइसेस पर एक्सप्लोर किए जा सकते हैं. बहुत ज्यादा स्क्रीन टाइम बच्चों की आंखों पर असर डालता है. साथ ही एकाग्रता भी कम होती है.