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Bhusawar Famous Pickle Bharatpur: भुसावर का देसी अचार घर के बने मसालों और देसी तेल से तैयार किया जाता है. इसकी खुशबू और स्वाद ने इसे भरतपुर जिले की शान बना दिया है. यह न केवल स्वाद में लाजवाब है, बल्कि महिलाओं के लिए रोजगार और आत्मनिर्भरता का भी जरिया बना है. इसकी लोकप्रियता दिल्ली, जयपुर और आगरा तक फैल चुकी है.
Bhusawar Famous Pickle Bharatpur: भरतपुर जिले के भुसावर कस्बे का देसी अचार आज केवल एक स्वाद नहीं, बल्कि परंपरा और पहचान बन चुका है. घर के बने मसालों और देसी सरसों के तेल से तैयार यह अचार अपनी लाजवाब खुशबू और लंबे समय तक टिके रहने वाले स्वाद के लिए मशहूर है. यही वजह है कि भुसावर का अचार अब भरतपुर जिले की शान बनता जा रहा है और इसकी लोकप्रियता आगरा, मथुरा, जयपुर और दिल्ली जैसे शहरों तक फैल चुकी है.
भुसावर के कारीगर पीढ़ियों से अचार बनाने की परंपरागत कला को सहेजे हुए हैं. यहां महिलाएं आज भी पुराने देसी तरीकों से अचार तैयार करती हैं. अचार बनाने में किसी प्रकार के केमिकल का इस्तेमाल नहीं होता. देसी सरसों के तेल में सने नींबू, मिर्च, आम और मिक्स अचार की किस्में लोगों की पहली पसंद रहती हैं. यह शुद्धता और पारंपरिक विधि ही इसके स्वाद का रहस्य है.
मसालों का जादू और देसीपन का स्वाद
भुसावर के अचार की खासियत इसमें इस्तेमाल होने वाले मसालों का संतुलित मेल है, जो हर निवाले में देसीपन और स्वाद का अनोखा अनुभव देता है. लोगों का कहना है कि “भुसावर का अचार सिर्फ खाना नहीं, अनुभव है”. इसकी खुशबू इतनी गहरी होती है कि खुले ढक्कन से ही पहचान हो जाती है कि यह भुसावर का ही अचार है. अचार में धनिया, सौंफ, मेथी और कलौंजी का सही अनुपात इसके स्वाद को बेजोड़ बनाता है.
शहरों में बढ़ी मांग, बना रोजगार का जरिया
स्थानीय विक्रेताओं का कहना है कि भुसावर का अचार अब आगरा, मथुरा, जयपुर और दिल्ली जैसे बड़े शहरों में भी भेजा जाता है. त्योहारी सीजन और शादियों के समय इसकी बिक्री कई गुना बढ़ जाती है. लोग इसे अपने घरों के साथ-साथ उपहार के रूप में भी खरीदना पसंद करते हैं. इस व्यवसाय ने यहां की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है. महिलाएं घर पर ही अचार बनाकर इसे बाजार में बेचती हैं, जिससे उन्हें रोजगार और पहचान दोनों मिल रहे हैं.
स्वाद, परंपरा और स्वाभिमान का प्रतीक
भुसावर में अचार की कीमत किस्म और मौसम के अनुसार बदलती रहती है, लेकिन स्वाद और गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं होता. देसी तेल, घरेलू मसाले और पुरानी विधि से तैयार भुसावर का अचार अब सिर्फ एक खाद्य वस्तु नहीं, बल्कि भरतपुर की परंपरा और स्वाभिमान का प्रतीक बन चुका है. इसकी खुशबू सीमाओं को पार कर राज्यों की सरहदों तक पहुंच चुकी है, और यही वजह है कि लोग इसे “स्वाद का बादशाह” कहकर पुकारते हैं.

