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Homemade Ghee Recipe: घर पर देसी घी बनाना की बेहद पुरानी विधि आज भी बघेलखंड में इस्तेमाल किया जाता है. इस विधि से शुद्ध घी मिलता है. (रिपोर्ट: शिवांक द्विवेदी)
बाजार के मिलावटी घी से छुटकारा पाने के लिए अब घर पर ही शुद्ध देसी घी बनाना न सिर्फ आसान है, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहद फायदेमंद है. वहीं, बात करें तो बघेलखंड क्षेत्र में आज भी देसी तौर-तरीकों से घी बनाना एक सामान्य घरेलू परंपरा है.

यहां के अधिकांश घरों में महिलाएं रोज़ाना दूध से निकली मलाई को फ्रिज में एकत्र करती हैं. हर 7 से 15 दिन में उसका उपयोग घी बनाने के लिए करती हैं. यह घरेलू घी बाजार में मिलने वाले किसी भी ब्रांडेड घी से अधिक पौष्टिक, सुरक्षित और स्वादिष्ट माना जाता है.

सतना निवासी मीणा द्विवेदी बताती हैं कि लगभग हर परिवार रोज़ 1 से डेढ़ किलो दूध तो खरीदता ही है. ऐसे में हर दिन मलाई इकट्ठा कर ली जाए तो एक तय समय में काफी मात्रा में घी निकल आता है.इसके लिए एक बर्तन में स्टोर की गई मलाई डालें और उसमें ठंडा पानी मिलाकर हाथों से या फिर मथनी की सहायता से मलाई को अच्छी तरह से मथें.

इस प्रक्रिया में मलाई को धीमी आंच पर कढ़ाई में पकाया जाता है. मक्खन को कम से कम 15 से 20 मिनट तक पकाएं और इस दौरान एक बड़ी चम्मच से इसे चलाते रहें. जब मक्खन पूरी तरह से पिघल जाए तो गैस बंद कर दें और मिश्रण को छलनी की मदद से एक बर्तन में छान लें.

जब वह हल्के भूरे रंग की हो जाए तो उसे कपड़े से छानकर अलग कर लिया जाता है. इसके बाद तैयार घी को एक एयरटाइट डिब्बे में स्टोर किया जाता है, जिससे उसकी शुद्धता और स्वाद दोनों बरकरार रहते हैं.

घर पर बना यह देसी घी न सिर्फ आपके बजट के लिए बेहतर है, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी है. खास बात ये है कि इसमें किसी तरह का रसायन या परिरक्षक नहीं होता, जिससे यह बच्चों और बुजुर्गों के लिए भी पूरी तरह सुरक्षित होता है.

वहीं, अगर मिट्टी के बर्तन में चूल्हे पर लकड़ी जलाकर एकदम गांव स्टाइल में घी बनाया जाए तो उसकी बात ही अलग है. यह घी दाल में डालते ही उसकी महंक और स्वाद बदल जाएगा.

गाढ़ी दाल में देसी घी ऐसा मजा देगा कि आप कई कटोरे पी जाएंगे. मिट्टी के बर्तन में रखा देसी भोजन का स्वाद बढ़ा देता है. इस घर में बने घी की शुद्धता की भी सौ फीसदी गारंटी रहेगी.