IRB Infrastructure: आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपर्स बोर्ड ने शुक्रवार को आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट की तीन BOT (बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर) हाइवे एसेट्स को पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट ट्रस्ट (InvIT) में ट्रांसफर करने की मंजूरी दे दी है.
आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपर्स ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि ये तीन BOT एसेट्स- IRB हापुड़ मुरादाबाद टोलवे, कैथल टोलवे और किशनगढ़ गुलाबपुरा टोलवे है. इन एसेट के 100 परसेंट इक्विटी का सौदा 8,450 करोड़ रुपये में होना है. जबकि इस सौदे की इक्विटी वैल्यू लगभग 4,905 करोड़ रुपये है. इसके लिए बाइंडिंग टर्म शीट पर साइन भी हो चुके हैं. ये तीनों एसेट्स लगभग 1,800 लेन किलोमीटर में फैले हुए हैं.
इस काम में होगा जुटाई गई रकम का इस्तेमाल
इस लेनदेन से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल 15,000 करोड़ रुपये के नए रोड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की फंडिंग के लिए होगा. यह कदम आईआरबी ग्रुप की एसेट चर्न स्ट्रैटेजी (Asset Churn Strategy) का हिस्सा है, जिसका मकसद ग्रोथ के लिए कैपिटल की रीसाइकिलिंग करना है. तीन हाईवे एसेट्स को लेकर हुई डील से आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपर्स बोर्ड को जो पैसे मिलेंगे उससे अगले तीन सालों में आईआरबी ग्रुप का एसेट बेस 80,000 करोड़ से बढ़कर 1,40,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा.
CNBC की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर वीरेंद्र डी. म्हैसकर ने कहा है, ”कंपनी और आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट आने वाले समय में कई दूसरे सेक्टरों की फंडिंग के लिए इस डील से हुई कमाई का लाभ उठा सकते हैं, जो ट्रांसफर किए जा रहे एसेट्स के आकार का लगभग दोगुना है. इसके अलावा, आईआरबी इनविट फंड के पोर्टफोलियो के इस विस्तार से अधिक रेवेन्यू वाले बीओटी हाइवे एसेट्स के साथ अपनी एवरेज लाइफ को बढ़ाना है.”
कंपनी के शेयर की परफॉर्मेंस
बता दें कि खासकर, बीओटी मॉडल के तहत भारत में सड़क और हाईवे प्रोजेक्ट्स में निवेश करने वाली इस कंपनी के शेयर शुक्रवार को बीएसई पर 0.19 रुपये या 0.37 परसेंट की गिरावट के साथ 51.26 पर बंद हुए. बीओटी मॉडल का मतलब है कि कंपनी जिस सड़क या राजमार्ग को बनाती है उसे कुछ समय तक खुद चलाती है और फिर उसे सरकार को सौंप देती है.
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