HSBC Global Research Report on IT Industry Performamce: भारतीय आईटी उद्योग इस समय सुस्त दौर से गुजर रहा है. वित्त वर्ष 2025-26 में प्रमुख आईटी कंपनियों के हालिया नतीजे कमजोर वृद्धि की ओर संकेत करते हैं. हालांकि, प्रमुख निर्यात बाजारों में सुधार और नई तकनीक अपनाने के चलते वित्त वर्ष 2026-27 में स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है.
आईटी दिग्गज कंपनियों का प्रदर्शन
एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च के मुताबिक निकट भविष्य में ग्राहकों के विवेकाधीन खर्च कमजोर बना रहेगा. वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, ग्राहक लागत में कटौती और निर्णय लेने में देरी जैसी चुनौतियों से मांग दबाव में है. इसके अलावा भू-राजनीतिक तनाव, सप्लाई चेन की दिक्कतें और उद्योग-विशेष सतर्कता (जैसे BFSI और ऑटोमोबाइल सेक्टर) परियोजनाओं को स्थगित कर रही हैं.
टीसीएस, इन्फोसिस और एचसीएलटेक जैसी दिग्गज कंपनियों ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में मजबूत बुकिंग और सौदों की पाइपलाइन दिखाई है. इसके बावजूद, पूरे वर्ष की राजस्व वृद्धि का अनुमान केवल 1-5 प्रतिशत तक सीमित है. पिछले एक साल में एनएसई आईटी इंडेक्स का प्रदर्शन व्यापक भारतीय बाजार से कमजोर रहा है, जो निवेशकों की सतर्कता को दर्शाता है.
भविष्य की संभावनाएं
चुनौतीपूर्ण हालात के बावजूद, 2026-27 में मामूली सुधार की संभावना जताई जा रही है. अमेरिका और यूरोप में जब व्यापक आर्थिक स्थिति स्थिर होगी, तब एआई आधारित प्रोजेक्ट्स और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन से आईटी कंपनियों की मांग बढ़ सकती है. इससे भारतीय आईटी सेवाओं की राजस्व वृद्धि में 2-3 प्रतिशत का अतिरिक्त सुधार संभव माना जा रहा है.
गौरतलब है कि एआई के आने के बाद हाल के महीनों में आईटी कंपनियों में जबरदस्त छंटनी की गई है. यह कर्मचारियों का निकालने का सिलसिला अभी भी नहीं थमा है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि भविष्य में एआई के आने और इसके ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल के बाद इस सेक्टर में काम कर रहे लोगों के सामने अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो सकती है.

