Sunday, July 20, 2025
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Single Malt Whisky: कैसे बनती सिंगल माल्ट, ये स्कॉच और व्हिस्की से किस तरह अलग


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Single Malt Whisky: भारत में सिंगल माल्ट व्हिस्की का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है. इसे अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल रहे हैं. भारत के प्रमुख ब्रांडों में अमृत, इंद्री, रामपुर और कामेट शामिल है.

अब भारत दुनिया के कुछ बेहतरीन सिंगल माल्ट व्हिस्की का उत्पादन करता है.

हाइलाइट्स

  • भारत दुनिया का सबसे बड़ा व्हिस्की उत्पादक है
  • सिंगल माल्ट व्हिस्की केवल माल्टेड जौ से बनती है
  • अमृत ने भारतीय सिंगल माल्ट को वैश्विक पहचान दी
Single Malt Whisky: भारत दुनिया का सबसे बड़ा व्हिस्की उत्पादक और उपभोक्ता है. हालांकि हाल के दशकों में ही यह ग्लोबल प्रीमियम व्हिस्की परिदृश्य में एक गंभीर दावेदार बन पाया है. कभी बड़े पैमाने पर बिकने वाले ब्लेंड्स और ‘व्हिस्की’ के रूप में बेचे जाने वाले गुड़-आधारित स्पिरिट्स का बोलबाला था. लेकिन अब भारत दुनिया की कुछ बेहतरीन सिंगल माल्ट व्हिस्की का उत्पादन करता है, जिन्हें क्रिटिक्स की प्रशंसा और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हैं.

भारतीय व्हिस्की की ऐतिहासिक जड़ें
व्हिस्की भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान आई. ब्रिटिश प्रवासियों ने इस क्षेत्र में स्कॉच व्हिस्की के प्रति अपनी रुचि का परिचय दिया और इस स्पिरिट ने वहां तेजी से लोकप्रियता हासिल कर ली. ऐतिहासिक रूप से भारतीय डिस्टिलेशन मुख्यतः इंडस्ट्रियल था. जिसमें गुणवत्ता की तुलना में कम लागत और उच्च मात्रा को प्राथमिकता दी जाती थी. 20वीं सदी के उत्तरार्ध तक भारतीय व्हिस्की अक्सर फर्मेंटेड मोलालेस यानी गुड़ से बनी स्पिरिट होती थी. जिसे अंतरराष्ट्रीय मानकों द्वारा व्हिस्की के रूप में मान्यता नहीं दी गई थी.

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2000 के दशक की शुरुआत में अमृत डिस्टिलरी ने भारत की पहली सिंगल माल्ट व्हिस्की पेश की.

2 दशक पहले आई भारत की पहली सिंगल माल्ट
20वीं सदी के अंत तक भारत में ग्रेन यानी अनाज आधारित व्हिस्की के लिए एक बढ़ता हुआ प्रीमियम बाजार विकसित होना शुरू हुआ था. जो देश के आर्थिक उदारीकरण और मध्यम वर्ग के तेजी से विस्तार के साथ जुड़ा हुआ था. 2000 के दशक की शुरुआत में अमृत डिस्टिलरी ने भारत की पहली सिंगल माल्ट व्हिस्की पेश की. 2004 में बाजार में उतारी गई इस सिंगल माल्ट व्हिस्की ने भारतीय व्हिस्की के बारे में लोगों की धारणा बदल दी. जल्द ही अन्य भारतीय व्हिस्की उत्पादकों ने भी इसका अनुसरण किया.

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कैसे बनती है सिंगल माल्ट?
सिंगल माल्ट वह व्हिस्की होती है जिसे एक ही डिस्टिलरी में केवल माल्टेड जौ से बनायी जाती है. माल्टेड जौ को अंकुरित किया जाता है, फिर सुखाया जाता है और बाद में मैश करके पकाया जाता है. इस प्रोसेस में जौ में मौजूद स्टार्च को शर्करा में तब्दील किया जाता है. जो बाद में फर्मेंटेशन प्रोसेस के दौरान अल्कोहल में परिवर्तित हो जाता है. सिंगल माल्ट व्हिस्की को अमूमन ओक बैरल में मेच्योर किया जाता है. मेच्योर होने के इस प्रोसेस के दौरान व्हिस्की का ओक के साथ अंतरंग रिश्ता बनता है. जिससे इस व्हस्की के खास नोट्स और फ्लेवर्स बनते हैं. इसकी मेच्योरिटी का टाइम कम से कम तीन साल और अधिक से अधिक कितने साल का भी हो सकता है. जितनी ज्यादा मेच्योरिटी, उतना ही ज्यादा दाम. कुछ समय पहले मुंबई ड्यूटी फ्री में बोमोर 1965 की एक बॉटल 42 लाख रुपये में बिकी थी. जाहिर है, सिंगल मॉल्ट के चाहने वालों की कमी नहीं है.

भारतीय सिंगल माल्ट क्षेत्र में नवीनतम एंट्री इंद्री, पिकाडिली डिस्टिलरीज़ द्वारा निर्मित है.
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स्कॉच और व्हिस्की से कितनी अलग सिंगल माल्ट
सिंगल माल्ट भी एक प्रकार की व्हिस्की होती है. स्कॉच व्हिस्की एक विशेष प्रकार की व्हिस्की होती है, जिसे स्कॉटलैंड में बनाया जाता है. व्हिस्की एक व्यापक शब्द है जो किसी प्रकार की शराब को संदर्भित कर सकता है, जिसे माल्टेड जौ, गेंहू या मक्का से बनाया जाता है. सिंगल माल्ट व्हिस्की और स्कॉच व्हिस्की के बीच मुख्य अंतर यह है कि स्कॉच व्हिस्की को केवल स्कॉटलैंड में बनाया जा सकता है, जबकि सिंगल माल्ट व्हिस्की को दुनिया में कहीं भी बनाया जा सकता है. सिंगल माल्ट व्हिस्की और किसी अन्य व्हिस्की के स्वाद और सुगंध में भी अंतर होता है. सिंगल माल्ट व्हिस्की में आमतौर पर अधिक कॉम्लेक्स स्वाद और सुगंध होती है.

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कैसे लें सिंगल माल्ट का लुत्फ
सिंगल माल्ट व्हिस्की का लुत्फ लेने के कई तरीके हैं. इसे नीट के तौर पर आइस के साथ या पानी के साथ पिया जा सकता है. सिंगल माल्ट व्हिस्की का इस्तेमाल कॉकटेल बनाने के लिए भी किया जा सकता है. इसका लुत्फ लेने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि इसकी धीरे-धीरे चुस्कियां लेकर स्वाद और सुगंध का आनंद लें. सिंगल माल्ट व्हिस्की के स्वाद और सुगंध को बेहतर ढंग से समझने के लिए इसे एक अच्छी क्वालिटी के ग्लास में सर्व किया जाना चाहिए.

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भारत में मिलने वाले कुछ मशहूर ब्रांड
2009 में अमृत फ्यूजन का लॉन्च एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी. भारतीय और स्कॉटिश जौ के मिश्रण से निर्मित और बैंगलोर की गर्म, शुष्क जलवायु में तैयार किए गए फ्यूज़न को क्रिटिक्स से प्रशंसा मिली. जिम मरे की व्हिस्की बाइबल में भी इसका उल्लेख किया गया. यह पहली भारतीय सिंगल माल्ट थी जिसने अंतरराष्ट्रीय स्पिरिट प्रतियोगिताओं में लगातार पदक जीते. इस कैटेगरी में तेजी से वृद्धि हुई है, जो भारत के शहरी मिडिल क्लास के उपभोक्ताओं के बीच प्रीमियम स्पिरिट्स की बढ़ती मांग और बढ़ती अंतरराष्ट्रीय मान्यता से प्रेरित है. भारत की सिंगल माल्ट व्हिस्की अब वैश्विक बाजार में एक विशिष्ट लेकिन प्रभावशाली स्थान रखती है, वो स्कॉटलैंड और जापान के जाने-माने ब्रांडों के साथ खड़ी है. अमृत, रामपुर, कामेट, पॉल जॉन ब्रिलिएंस और इंद्री स्वदेशी सिंगल माल्ट व्हिस्की हैं. इसके अलावा ग्लेनमोरंगी, मैकालेन, टलिस्कर और ग्लेनफ़ीडिक अन्य बड़े ब्रांड हैं जो भारत में मिलते हैं. सिंगल माल्ट व्हिस्की एक अनूठी शराब है जो पीने के शौकीनों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है. यह एक ऐसी व्हिस्की है जिसे आप बार बार पीना चाहेंगे. इसे सभी व्हिस्कियों में बादशाह कहा जाता है.

(डिस्क्लेमर: इस लेख का मकसद केवल जानकारी देना है, शराब पीने की संस्कृति को बढ़ावा देना नहीं.)

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