इंदौर में बुधवार को इंडियन ब्लाइंड फुटबॉल टीम के सदस्यों ने अपने कोच के साथ क्लब 19 टर्फ पर पहुंचे। यहां पर फिक्की फ्लो इंदौर चैप्टर द्वारा एक प्रोग्राम आयोजित किया गया था। इस प्रोग्राम में फ्लो इंदौर चैप्टर की प्रेसिडेंट सीए श्वेता अग्रवाल ने एक इंट
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मध्यप्रदेश ब्लाइंड फुटबॉल एसोसिएशन के सेक्रेटरी मो.शहीद ने बताया कि इस खेल में हर टीम में 5 खिलाड़ी होते हैं, जिनमें से चार पूरी तरह दृष्टिहीन होते हैं और एक गोलकीपर देख सकता है। कोच भी अपने खिलाड़ियों को मैच के दौरान गाइड करते हैं। बॉल का आकार सामान्य फुटबॉल से छोटा होता है और बाउंस कम हो इसलिए इसे थोड़ा भारी भी बनाते हैं। खिलाड़ी आपस में ना टकराए इसलिए हर चार सेकेंड में ‘वाई’ बोलते हैं। प्रोग्राम के अंत में फ्लो के मेंबर्स ने भी ब्लाइंड फोल्ड करके खुद भी गोल करने का प्रयास कर जाना कि ब्लाइंड फुटबॉल कितना मुश्किल होता है। इस तरह गोल करने वाले मेंबर्स और बच्चों को इंडियन ब्लाइंड फुटबॉल टीम के मेंबर्स की साइन की हुई फुटबॉल भी दी गई।
प्रोग्राम में फुटबॉल खेलते खिलाड़ी।
खिलाड़ियों को खेलते देखना प्रोत्साहित करता है
गोलकीपर हर्षिता ने बताया कि वह नार्मल फुटबॉल खेलती थीं। तब उनके कजिन ऋषि ने उन्हें ब्लाइंड फुटबॉल टीम के बारे में बताया और अब उन्हें नार्मल फुटबॉल से ज्यादा मज़ा इसमें आता है। इन खिलाड़ियों को खेलते देखना बेहद प्रोत्साहित करता है। खिलाड़ी प्रकाश चौधरी ने कहते हैं कि जब इंटरनेशनल मैच के दौरान राष्ट्रगान बजता है तो दिल की धड़कने बढ़ जाती है। इस कार्यक्रम के दौरान सीए पायल खंडेलवाल और आईवीएफ एक्सपर्ट डॉ. शिवानी जोशी ने अपने काम से जुड़ा प्रेजेंटेशन दिया, जिससे अन्य फ्लो मेंबर्स के सामने उन्हें अपने काम के बारे में बताने का मंच मिला।