प्रतीकात्मक फोटो
एमपी हाई कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को नीट यूजी परीक्षा के दौरान बिजली गुल होने से प्रभावित उम्मीदवारों की दोबारा परीक्षा कराने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का हवाला देते हुए कहा है कि इन उम्मीदवारों की कोई भी गलती न होने के बावजूद उन्हें बिजली कटौती के कारण नुकसानदेह स्थिति में डाल दिया गया था। हाईकोर्ट की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर ने नीट-यूजी के कई उम्मीदवारों की याचिकाओं पर सभी संबद्ध पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला पिछले माह सुरक्षित रख लिया था।
कितने उम्मीदावरों को मिलेगा फायदा?
याचिकाकर्ताओं के वकील मृदुल भटनागर ने बताया कि उन्हें कोर्ट के 23 जून के आदेश की कॉपी मिल गई है। उन्होंने बताया कि इंदौर और उज्जैन में नीट-यूजी परीक्षा में बैठे करीब 75 उम्मीदवारों को इस आदेश का फायदा मिलेगा जिनके परीक्षा केंद्र में बिजली गुल हो गई थी।
आदेश में क्या कहा कोर्ट ने?
एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा, “इस न्यायालय की सुविचारित राय है कि याचिकाकर्ताओं का पक्ष सुनने के बाद अनुच्छेद 14 के तहत हस्तक्षेप का मामला बनता है क्योंकि उनकी कोई भी गलती नहीं होने के बावजूद उन्हें बिजली कटौती के कारण प्रतिकूल स्थिति में डाल दिया गया था। यह स्थिति अन्य परीक्षा केंद्रों और यहां तक कि उसी परीक्षा केंद्र में भी नहीं थी जहां कुछ उम्मीदवार पर्याप्त प्राकृतिक प्रकाश वाले अनुकूल स्थानों पर बैठे थे।”
किन उम्मीदवारों पर लागू होगा फैसला?
हाईकोर्ट ने याचिकाओं को स्वीकार करते हुए NTA को आदेश दिया कि वह संबंधित उम्मीदवारों की जल्द से जल्द दोबारा परीक्षा ले और इसका नतीजा घोषित करे। पीठ ने स्पष्ट किया कि उसका यह आदेश केवल उन उम्मीदवारों पर लागू होगा जिन्होंने नीट-यूजी परीक्षा की अनंतिम उत्तर कुंजी जारी करने की तारीख तीन जून से पहले अपनी याचिकाएं दायर की थीं।
(पीटीआई इनपुट)