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Bageshwar News: स्थानीय रसोइयों का कहना है कि भट्ट डुबके केवल स्वाद ही नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि इसमें प्रोटीन, आयरन और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है.
स्थानीय व्यापारी गिरीश पांडे ने लोकल 18 को बताया कि मनकोट के जैसे स्वादिष्ट भट्ट डुबके आपको कहीं और चखने को नहीं मिलेंगे. यही कारण है कि यहां दिल्ली, मुंबई, देहरादून और हल्द्वानी जैसे शहरों से भी लोग खासतौर पर पहुंचते हैं. पर्यटक यहां आकर न सिर्फ प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हैं, बल्कि पारंपरिक पहाड़ी थाली का भी स्वाद चखते हैं.
उन्होंने बताया कि भट्ट डुबके बनाने का तरीका भी बेहद दिलचस्प है. इसमें भट्ट (काले सोयाबीन जैसी दाल) को पारंपरिक सिल-बट्टे पर पीसकर मसालों और घी के साथ धीमी आंच पर पकाया जाता है. इसी कारण इसका स्वाद और सुगंध बाकी जगहों से अलग होता है. स्थानीय रसोइयों का कहना है कि भट्ट डुबके केवल स्वाद ही नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि इसमें प्रोटीन, आयरन और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है. यह व्यंजन पचने में आसान और शरीर को ऊर्जा देने वाला माना जाता है. मनकोट क्षेत्र आज पहाड़ी खाने के शौकीनों के लिए किसी हॉटस्पॉट से कम नहीं है. यहां आने वाले पर्यटक बताते हैं कि वे सिर्फ भोजन के स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि स्थानीय लोगों की मेहमाननवाजी और गांव की सादगी से भी प्रभावित होते हैं. धीरे-धीरे यह जगह फूड टूरिज्म का केंद्र बनती जा रही है.
स्थानीय प्रशासन और पर्यटन विभाग भी अब इस क्षेत्र को पारंपरिक खान-पान गांव के रूप में विकसित करने की योजना पर विचार कर रहा है. विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे न केवल स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को भी नई पहचान मिलेगी. संक्षेप में कहा जाए तो मनकोट का भट्ट डुबके सिर्फ एक व्यंजन नहीं बल्कि परंपरा, स्वाद और स्वास्थ्य का संगम है. यहां की सादी लेकिन लजीज थाली लोगों को बार-बार आने पर मजबूर कर देती है. यही कारण है कि आज मनकोट बागेश्वर जिले में पहाड़ी खाने का पर्याय बन चुका है.

