क्या है पहाड़ी चाय की खासियत
उत्तराखंड में बनने वाली पहाड़ी चाय स्वाद, खुशबू और स्वास्थ्य लाभों के लिए मशहूर है. यह आम चाय से बिल्कुल अलग होती है. इसमें डाले जाने वाले नेचुरल इंग्रीडिएंट्स न केवल इसका टेस्ट बेहतर बनाते हैं, बल्कि यह शरीर को अंदर से मजबूत भी करते हैं.
कैसे बनाएं पहाड़ी चाय
इस चाय को बनाना बिल्कुल आसान है और इसे बनाने के लिए ज़्यादा सामग्री की भी ज़रूरत नहीं होती. सबसे पहले एक पैन में डेढ़ कप पानी डालें. फिर उसमें 4-5 तुलसी की पत्तियां, एक छोटा टुकड़ा कटी हुई अदरक, एक टुकड़ा दालचीनी और 1 इलायची डालें. अब इस पानी को धीमी आंच पर तब तक उबालें जब तक यह लगभग आधा न रह जाए.
क्यों है यह चाय सेहत के लिए फायदेमंद
इस पहाड़ी चाय में डलने वाले हर एक इंग्रीडिएंट्स का अपना अलग औषधीय महत्व है.
• बुरांश के फूल एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं और यह दिल की सेहत के लिए भी लाभकारी माने जाते हैं.
स्थानीय लोगों का मानना है कि यह चाय शरीर को दिनभर ऊर्जावान बनाए रखती है. यही वजह है कि उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में दिन की शुरुआत इसी चाय से होती है. कई लोग तो दिन में दो से तीन बार इसे पीते हैं. यह पारंपरिक चाय बिना किसी कृत्रिम स्वाद या ज़्यादा मसालों के बनती है, जिससे इसकी प्राकृतिक खुशबू और स्वाद पूरी तरह बरकरार रहते हैं.