तिरुवनंतपुरम. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बृहस्पतिवार को अमेरिका को ओसामा बिन लादेन को शरण देने में पाकिस्तान की भूमिका की याद दिलाते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वॉशिंगटन ने डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तानी सेना के जनरल आसिम मुनीर के बीच बैठक का उपयोग इस्लामाबाद को आतंकवाद का समर्थन न करने की सलाह देने के लिए किया होगा. थरूर ने कहा कि पाकिस्तानी सेना के जनरल को यह संदेश भेजना अमेरिका के हित में भी है क्योंकि पाकिस्तान ने ओसामा बिन लादेन को पनाह दी थी, जो हजारों लोगों की जान लेने वाले 11 सितंबर 2001 के आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार था.
उन्होंने कहा कि यह संदेश कुछ अमेरिकी सीनेटरों और कांग्रेस सदस्यों द्वारा पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को दिया गया है और उम्मीद है कि अमेरिका सरकार में सभी लोग ऐसा ही करेंगे. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ओसामा बिन लादेन ने 9/11 के हमलों में 2,000 से अधिक लोगों को मार डाला था. उसने दो प्रतिष्ठित अमेरिकी इमारतों को नष्ट कर दिया था. इसलिए, इन परिस्थितियों में, इस आदमी को छिपाने में पाकिस्तान की गलती कुछ ऐसी है जिसे अमेरिकी आसानी से नहीं भूल सकते.”
उन्होंने कहा कि आमतौर पर संसदीय प्रतिनिधियों से देश के उप विदेश मंत्रियों जैसे वरिष्ठ अधिकारी मुलाकात करते हैं. थरूर ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बहुत पहले ही ट्रंप से मुलाकात कर चुके हैं. उन्होंने कहा, “हमने बिलकुल वही संदेश दिया जो प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति को दिया था और हमारे संदेश को उपराष्ट्रपति तथा उप विदेश मंत्री ने किसी आपत्ति, असहमति या तर्क के बिना स्वीकार कर लिया.”
उन्होंने कहा, “यदि राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से कोई दबाव रहा होगा तो वह केवल पाकिस्तान पर रहा होगा. जब पाकिस्तान ने संघर्ष रोकने की पेशकश की तो हमने रोक दिया. इसलिए, किसी मध्यस्थता या हम पर किसी दबाव की कोई आवश्यकता नहीं थी.”
थरूर ने कहा, “निःसंदेह, हमारी चिंता वहां के लोगों की भलाई के साथ-साथ हमारे अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भी बनी हुई है.” कांग्रेस सांसद ने यह भी कहा कि कई भारतीय छात्रों को ईरान से निकालकर पड़ोसी देशों में भेज दिया गया है और उन्हें पूरा विश्वास है कि भारत सरकार पश्चिम एशिया में हो रही गतिविधियों पर करीबी नजर रख रही है.