कपड़ों से ज्यादा शराब पर पैसा लुटा रहा देश का आम आदमी, महज एक साल में खर्च किए इतने लाख करोड़

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कपड़ों से ज्यादा शराब पर पैसा लुटा रहा देश का आम आदमी, महज एक साल में खर्च किए इतने लाख करोड़


CMIE Report: सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) ने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें खुलासा हुआ है कि देश का आम आदमी अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में किन चीजों पर ज्यादा खर्च कर रहा है और किन चीजों की खरीदारी में कटौती कर रहा है. इसमें बताया गया है कि देश में सामान्य आय वर्ग के लोग कपड़ों से ज्यादा शराब और कोल्ड ड्रिंक्स पर ज्यादा खर्च कर रहे हैं. 

कपड़ों से ज्यादा शराब पर खर्च कर रहे लोग

रिपोर्ट में बताया गया कि साल 2023-24 में लोगों ने अपनी कमाई में से 7.29 लाख करोड़ रुपये जहां कपड़ों पर खर्च कर दिए. वहीं, एल्कोहल ड्रिंक्स पर 1.20 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए. इससे एक साल पहले यानी कि 2022-23 में जहां लोगों ने कपड़ों पर 7.60 लाख करोड़ रुपये खर्च किए थे. वहीं, शराब पर 0.95 लाख करोड़ रुपये खर्च किए थे. इससे साफ पता चलता है कि इस साल के दरमियान कपड़ों पर खर्च घटा है, जबकि शराब पर खर्च 26 परसेंट तक बढ़ गया है. 

खुद की गाड़ी खरीदने की भी मची होड़

इस तरह से 2022-23 के मुकाबले 2023-24 में अपनी खुद की गाड़ी की खरीद पर भी लोगों का खर्च बढ़ा है, जो एक साल पहले 2.64 लाख करोड़ रुपये रहा. वहीं, एक साल बाद 3.26 लाख करोड़ रुपये हो गया. वहीं, ट्रांसपोर्ट सर्विस पर खर्च 2022-23 के 14.32 लाख करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 15.50 लाख करोड़ रुपये हो गया. यानी कि खुद की गाड़ी खरीदने पर होने वाला खर्च पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर होने वाले खर्च से तीन गुना बढ़ गया. 

एक साल में हेल्थ पर इतना बढ़ गया खर्च 

लोग धीरे-धीरे अपनी सेहत को लेकर भी जागरूक हो रहे हैं क्योंकि इस दरमियान हेल्थ पर खर्च 18.75 परसेंट बढ़ा है, जो 2022-23 में 8.48 लाख के मुकाबले 2023-24 में 10.07 लाख करोड़ रुपये हो गया. हालांकि, इसी के साथ-साथ इंश्योरेंस प्रीमियम पर खर्च 3.39 परसेंट घट गया है, जहां 2022-23 में प्रीमियम अमाउंट 1.77 लाख करोड़ रुपये था. वहीं, 2023-24 में यह घटकर 1.71 लाख करोड़ रुपये हो गया. 

खाने-पीने की चीजों पर बढ़ा खर्च

इस दौरान मनोरंजन पर भी खर्च में 1.38 परसेंट की गिरावट आई है, लेकिन इंटरनेट और कॉल पर होने वाले खर्च में 8 परसेंट तक की तेजी भी आई है. साल 2023-24 में खाने-पीने की चीजों पर हुए खर्च की हिस्सेदारी 28 परसेंट यानी कि 5.15 लाख करोड़ रुपये रही, जो पिछले एक साल के मुकाबले 8.6 परसेंट ज्यादा है. इसकी पीछे वजह बढ़ती महंगाई को ठहराया जा सकता है. सब्जियों से लेकर फल, अनाज-दाल, दूध, अंडे, चीनी, जैम हर चीज पर खर्च एक साल के मुकाबले बढ़ा है. 

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