कानपुर6 मिनट पहले
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कानपुर के शिवाला स्थित 165 वर्ष प्राचीन दक्षिण भारतीय प्रयाग नारायण मंदिर में श्रीमद् भागवत सप्ताह कथा का आयोजन शुरू हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत व्यास पीठ के पूजन के साथ हुई। अयोध्या से पधारे आचार्य योगेश जी महाराज व्यास पीठ पर विराजमान हुए।
मंदिर के अध्यक्ष विजय नारायण तिवारी और प्रबंधक अभिनव नारायण तिवारी की उपस्थिति में कलश स्थापना की गई। कथा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए आचार्य योगेश जी ने कहा कि ये कथाएं अनादि काल से चली आ रही हैं। उन्होंने बताया कि सनातन धर्म को इन्हीं कथाओं ने जीवित रखा है।

आचार्य जी ने कहा कि यह वही पावन भूमि है जहां भगवान राम और कृष्ण ने जन्म लिया। दोनों देवताओं ने अपनी लीलाओं से समाज को संदेश दिया। कथा के द्वितीय दिवस पर उन्होंने बताया कि भगवान की कथा जीवन जीने की कला सिखाती है। यह हर कदम पर मनुष्य को प्रेरणा देती है।
कथा के पहले दिन ज्ञान, वैराग्य और भक्ति महारानी के चरित्र पर चर्चा हुई। आचार्य जी ने कहा कि ज्ञान और वैराग्य के बिना भक्ति संभव नहीं है। उन्होंने चिंता जताई कि वर्तमान समय में भक्ति केवल दिखावा बनकर रह गई है, जिससे समाज में विषम परिस्थितियां बढ़ रही हैं।