खैरथल में जिले का नाम परिवर्तन करने एवं मुख्यालय बचाने की मांग को लेकर जिला बचाओ संघर्ष समिति का धरना गुरुवार को 78वें दिन भी जारी रहा। पूर्व कैबिनेट मंत्री शकुंतला रावत अपने समर्थकों के साथ धरना स्थल पर पहुंचीं और इसे समर्थन दिया।
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धरना स्थल पर पहुंचने पर संघर्ष समिति के सदस्यों सहित विधायक दीपचंद खैरिया ने शकुंतला रावत का स्वागत किया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री ने संघर्ष समिति के सदस्यों का धन्यवाद किया, जो दो महीने से अधिक समय से जिले को बचाने के लिए लगातार धरने पर बैठे हैं।
रावत ने कहा कि खैरथल-तिजारा जिले का गठन तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा विधायक दीपचंद खैरिया की पहल पर नियमों के तहत अच्छी तरह से किया गया था। उन्होंने वर्तमान भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिले का नाम बदलने और मुख्यालय को अन्यत्र ले जाने का निर्णय खैरथल की जनता के साथ अन्याय है।
केंद्रीय मंत्री पर लगाए आरोप उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के नेता यहां की जनता को भ्रमित कर रहे हैं। रावत के अनुसार, भर्तृहरि नामकरण का यहां कोई औचित्य नहीं है और जिले का नाम खैरथल-तिजारा ही रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की मंशा अगर भर्तृहरि नगर अलग से बसाने की है, तो उसे अलग जिला बनाया जाए, खैरथल-तिजारा जिले को क्यों छेड़ा जा रहा है।
रावत ने जोर देकर कहा कि अब उनके मंसूबे सफल नहीं होने दिए जाएंगे। 36 बिरादरी एकजुट होकर संघर्ष समिति के साथ खड़ी है और जिले को यथावत रखने के लिए संकल्पबद्ध है।
ये रहे मौजूद
धरने पर विधायक दीपचंद खैरिया की मौजूदगी में मुंडावर ब्लॉक अध्यक्ष अखिलेश कौशिक, किशनगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष संदीप पाटिल, खैरथल ब्लॉक अध्यक्ष शिवचरण गुप्ता, गिरीश डाटा, सर्वेश गुप्ता, पूर्व लोक अभियोजक रामावतार चौधरी, जसवंत यादव, निक्की प्रजापत और प्रथम डाटा सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

