पुलिस की गिरफ्त में आरोपी व जानकारी देते हुए अधिकारी।
गुरुग्राम में एक महिला को हवाला कारोबार से जुड़े होने का डर दिखाकर डिजिटल अरेस्ट करने और फिर 2.92 करोड़ की ठगी के मामले में पुलिस ने गुजरात के वीजा कंसल्टेंट को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने अपने भाई के माध्यम से बैंक खाता अरेंज कराकर उस बैंक खाता को साइब
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आरोपी द्वारा साइबर ठगों को उपलब्ध कराए गए बैंक खाते का प्रयोग करके 39 लाख रुपए का ट्रांजैक्शन किया गया था। आरोपी की पहचान अशीषभाई रमनलाल राणा (उम्र-36 वर्ष) निवासी तापी, गुजरात के रूप में हुई।
महिला से 2.92 करोड़ ठगने के इस मामले में कमिश्नरेट पुलिस अब तक 18 को अरेस्ट कर चुकी है।
बेटे का आधार कार्ड हवाला में प्रयोग करने का डर दिखाया
4 दिसंबर 2024 को एक महिला ने पुलिस थाना साइबर क्राइम ईस्ट में शिकायत दी थी कि उसके बेटे के पास एक वॉट्सऐप ऑडियो कॉल आया। जिसमें बताया गया कि बेटे का आधार कार्ड का प्रयोग हवाला के काम में प्रयोग हुआ है।
उसने मना कर दिया तो उन्होंने फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर FIR दर्ज कराने का डर दिखाया। फिर उन्होंने एक सीबीआई अफसर से वीडियो कॉल करके इनको डिजिटल अरेस्ट करने की बात कही। पीड़ित का नाम हवाला के केस में शामिल होने का डर दिखाते हुए इससे अलग-अलग बैंक खातों में कुल 2 करोड़ 92 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए।
दुबई में वीजा कंसल्टेंट था
डीसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान ने बताया कि आरोपी को अरेस्ट करके दो दिन के रिमांड पर लिया गया है। आरोपी से प्रारंभिक पुलिस पूछताछ में पता चला कि यह वर्ष-2021 से दुबई में वीजा कंसल्टेंट के रूप में काम करता है। मई 2025 में यह दुबई से भारत आया था।
आरोपी ने पुलिस पूछताछ में यह भी बताया कि ठगी गई राशि 2 करोड़ 92 लाख रुपए इसके अन्य साथी आरोपियों द्वारा अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कराए गए थे, जिनमें से 39 लाख रुपए इसके द्वारा उपलब्ध कराए गए बैंक खाते में ट्रांसफर हुए थे।
खाता देने पर 12.80 लाख भाई को दिए
यह बैंक खाता उसके भाई मितेश ने उपलब्ध कराया था और अशीष भाई रमनलाल राणा वही बैंक खाता अपने साथी साइबर ठगों को उपलब्ध कराया था। इसके भाई मितेश को बैंक खाता उपलब्ध कराने के बदले 12 लाख 80 हजार रुपए मिले थे।
अब तक 18 आरोपी अरेस्ट
ठगी के इस केस में अशीष भाई रमनलाल राणा व इसके भाई मितेश सहित अब तक कुल 18 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपी 2 दिन के पुलिस रिमांड पर है, जिससे अन्य वारदातों व अन्य साथी आरोपियों के बारे में गहनता से पूछताछ की जा रही है।

