दिल्ली के रहने वाले रोहित शौकीन की गुरुग्राम बुलाकर शूटरों ने हत्या कर दी।
गुरुग्राम के सेक्टर 77 में एसपीआर लिंक रोड पर रोहित शौकीन का मर्डर सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की तर्ज पर अंजाम दिया गया। दो शूटरों ने फिल्मी स्टाइल में दोनों हाथों में पिस्टल थामकर रोहित पर ताबड़तोड़ फायरिंग की और उसका पूरा शरीर छलनी कर दिया।
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पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार रोहित के शरीर में 12 गोलियों के आरपार होने के निशान मिले हैं, और डॉक्टरों को शरीर से तीन बुलेट बरामद हुई हैं। वहीं पुलिस को घटनास्थल से एक दर्जन से ज्यादा गोलियों के खोल मिले हैं।
एक इन्वेस्टिगेशन अधिकारी के मुताबिक, दोनों बदमाश लगातार मैगजीन बदल-बदलकर गोलियां चलाते रहे और बेहद प्रोफेशनल अंदाज में वारदात को अंजाम दिया। ऐसा माना जा रहा है कि कम से कम तीन से चार मैगजीन खाली की गईं। हमलावरों ने शरीर का ऐसा कोई हिस्सा नहीं छोड़ा जहां पर गोली न मारी हो। पुलिस इस वारदात को गैंगवार से जोड़कर भी देख रही है और हमलावरों की तलाश में जुटी हुई है।
गुरुग्राम में रोहित मर्डर की जगह पर पुलिस द्वारा बनाए गए खोल मिलने के निशान।
सिद्दू मूसेवाला पैटर्न: एक खतरनाक ट्रेंड गुरुग्राम में रोहित शौकीन की हत्या एक बार फिर उस भयावह ट्रेंड की ओर इशारा करती है, जिसकी शुरुआत सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस से मानी जा रही है। 29 मई 2022 को मानसा (पंजाब) में हुई सिद्दू मूसेवाला की हत्या ने देश को झकझोर दिया था।
उस कांड में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शार्प शूटरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर मूसेवाला को निशाना बनाया था। उसका मकसद गैंगवार, बदला और गैंग के दबदबे को स्थापित करना था। इसमें विदेश में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ की प्रमुख भूमिका भी सामने आई थी।
इसी तरह, रोहित शौकीन मर्डर केस में भी हमलावरों ने पूरी प्लानिंग के साथ वारदात को अंजाम दिया और फिल्मी स्टाइल में अत्याधुनिक कंट्रीमेड .30 कैलिबर हथियारों का इस्तेमाल किया गया।
दो हमलावरों ने एक साथ दोनों हाथों में पिस्तौल लेकर लगातार दो दर्जन से ज्यादा राउंड फायर किए। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, रोहित के सिर, गर्दन, छाती, पेट, बाजुओं और नितंबों पर कम से कम 12 गोलियां लगीं। मेडिकल बोर्ड ने उसके शरीर से तीन .30 कैलिबर की गोलियां बरामद कीं।
पुलिस का मानना है कि यह हत्या न सिर्फ किसी व्यक्तिगत रंजिश का नतीजा हो सकती है, बल्कि इसके पीछे गैंगस्टर लॉबी का मकसद गुरुग्राम जैसे संवेदनशील शहर में अपना दबदबा दिखाना और खौफ पैदा करना भी हो सकता है।
यह ट्रेंड कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती बनता जा रहा है, जिसमें गैंगस्टर न सिर्फ बेखौफ होकर वारदात को अंजाम दे रहे हैं, बल्कि वह अपने दुश्मनों को खुलेआम दिनदहाड़े मौत के घाट उतारकर दहशत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।

गुरुग्राम में रात को मौके से साक्ष्य एकत्र करते पुलिस के अधिकारी।
गैंगस्टर कनेक्शन और रंजिश की कहानी पुलिस की प्रारंभिक जांच में इस हत्याकांड के पीछे गैंगस्टर कनेक्शन और लेन देन की रंजिश का मामला सामने आ रहा है। रोहित शौकीन दिल्ली का रहने वाला था और गैंगस्टर सुनील सरधानिया और दीपक नांदल का बचपन का दोस्त है।
वह पहले म्यूजिक इंडस्ट्री में था और उनके माध्यम से हरियावणीं सिंगर राहुल फाजिलपुरिया से जान पहचान हुई। बताया जा रहा है कि रोहित शौकीन ने गैंगस्टर दीपक नांदल को बाइपास करके फाजिलपुरिया के और करीब आने की कोशिश की, जो गैंगस्टर सुनील सरधानिया और दीपक नांदल को रास नहीं आया।
सुनील सरधानिया ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर इस हत्या की जिम्मेदारी ली है और राहुल फाजिलपुरिया को धमकी भी दी है। सरधानिया ने फाजिलपुरिया से पांच करोड़ रुपए मांगे हैं, जो उसने उसकी म्यूजिक एलबम पर लगाए थे। हालांकि रोहित शौकीन भी दीपक नांदल से पांच करोड़ रुपए मांग रहा था।
सूत्रों के अनुसार रोहित शौकीन को निशाना बनाने का मकसद पैसे देने से छुटकारा और फाजिलपुरिया को एक सख्त संदेश देने का भी हिस्सा थी। पुलिस इस मामले में हिमांशु भाऊ गैंग के लिंक की भी जांच कर रही है, जो हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में आपराधिक गतिविधियों के लिए कुख्यात है।

रोहित शौकीन का भी आपराधिक रिकॉर्ड रोहित शौकीन कोई साधारण व्यक्ति नहीं था। उसके खिलाफ दिल्ली में तीन आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें कब्जा, मारपीट और रुपए मांगने के थे। उसके सुनील सरधानिया, दीपक नांदल जैसे गैंगस्टरों से भी लिंक थे। एक साल पहले रोहित के पिता ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके बेटे की जान को खतरा है।
इस शिकायत में कुछ लोगों द्वारा रोहित को धमकी देने की बात कही गई थी, लेकिन तब पुलिस ने इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। अब इस हत्याकांड के बाद पुलिस उस शिकायत को भी जांच के दायरे में ला रही है। मृतक के भाई ने क्या कहा मृतक के बड़े भाई विजय शौकीन ने पुलिस को बताया कि उनके पिता ने लगभग एक साल पहले दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि रोहित को जान का खतरा है। इसके बाद क्या हुआ, इसकी ज़्यादा जानकारी मुझे नहीं है। वह रियल एस्टेट और किराये के कारोबार में था। मुझे नहीं पता था कि उसे हाल ही में कोई धमकी मिली थी या वह किसी गैंगस्टर के संपर्क में था।
अपनी एफआईआर में विजय ने आरोप लगाया कि रोहित ने नोएडा जाने के लिए उनकी दिल्ली में पंजीकृत मारुति फ्रॉन्क्स कार उधार ली थी। रात 8:57 बजे मुझे फोन आया कि रोहित को गुरुग्राम में गोली मार दी गई है, जिसके बाद मैं परिवार के अन्य सदस्यों के साथ वहां पहुंचा। पुलिस ने सीसीटीवी खंगाले
घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है, ताकि हमलावरों की पहचान की जा सके। पुलिस हिमांशु भाऊ गैंग, सुनील सरधानिया, और दीपक नांदल के संभावित कनेक्शन की जांच कर रही है। इसके अलावा पुलिस राहुल फाजिलपुरिया से भी पूछताछ कर सकती है। ताकि इस हत्याकांड के पीछे जो एंगल अभी तक सामने आया है, उसकी पूरी कहानी सामने आ सके।
पुलिस सूत्रों के अनुसार इस हत्याकांड में प्रॉपर्टी विवाद का एंगल भी सामने आ रहा है। पुलिस अब इस प्रॉपर्टी विवाद की गहराई से जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह हत्या केवल गैंगवार का हिस्सा थी या इसके पीछे कोई और मकसद भी था।
सिंगर पर की थी फायरिंग सुनील सरधानिया ने पहले 14 जुलाई की रात सेक्टर 71 में सिंगर राहुल फाजिलपुरिया पर हुई गोलीबारी की ज़िम्मेदारी ली थी। गायक बाल-बाल बच गए थे, लेकिन बाद में एक धमकी भरा पोस्ट ऑनलाइन सामने आया, जिसमें उन्हें ₹ 5 करोड़ वापस करने या परिणाम भुगतने की धमकी दी गई थी। उस घटना के बाद पुलिस ने सिंगर को दो सशस्त्र पुलिसकर्मियों सहित चौबीसों घंटे सुरक्षा प्रदान की।
गुरुग्राम में गैंगवार का बढ़ता खतरा यह हत्याकांड दक्षिण हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में बढ़ती गैंगवार की एक और कड़ी है। हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में गैंगस्टरों की गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं। लॉरेंस बिश्नोई, हिमांशु भाऊ और कौशल जैसे गैंगस्टरों ने इस क्षेत्र में आतंक फैला रखा है।
गुरुग्राम में गैंगस्टरों का मजबूत नेटवर्क प्रदेश की आर्थिक राजधानी गुरुग्राम में गैंगस्टरों ने बड़ा और मजबूत नेटवर्क बना लिया है। रोहित शौकीन हत्याकांड न केवल कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि आम लोगों के बीच भी दहशत का माहौल पैदा कर रही है। सिद्दू मूसेवाला जैसे हाई-प्रोफाइल हत्याकांडों के बाद अब इस तरह की वारदातें गुरुग्राम में बढ़ती जा रही है।
चुनौती नहीं झेल पा रहा पुलिस सिस्टम गुरुग्राम में एक के बाद एक बड़ी वारदातें हो रही हैं। क्राइम एक्सपर्ट्स का कहना है कि घटना रोकना तो संभव नहीं है, लेकिन वारदात के बाद अपराधियों को पकड़ना और लोगों का डर खत्म करना पुलिस का काम है, लेकिन पुलिस पूरी जांच करने की बजाय मामलों को निपटाने की जल्दी में रहती है।
14 जुलाई को सिंगर फाजिलपुरिया पर हमले का केवल एक आरोपी पकड़ा गया। अगर पुलिस मुस्तैदी से काम करती और चारों आरोपियों को पकड़ती तो रोहित हत्याकांड संभवत बच जाता। यानि पुलिस गैंगस्टरों के सिस्टम को नहीं भेद पा रही है।
पुलिस अफसरों की बैठक बुलाई मंगलवार शाम को पुलिस कमिश्नर विकास अरोड़ा ने सभी एसएचओ और इंस्पेक्टर लेवल से बड़े अधिकारियों की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई और क्राइम कंट्रोल करने के सख्त निर्देश दिए। बताया जा रहा है कि गुरुग्राम में बढ़ रही बड़ी वारदातों के चलते सरकार की किरकिरी हो रही है। क्योंकि एक तरफ तो मुख्यमंत्री अपराधियों पर अंकुश लगाने की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ गुरुग्राम में लगातार वारदातें हो रही हैं।
पुलिस कमिश्नर ने पीआर टीम बढ़ाई एक के बाद एक हो रही वारदात के बाद मीडिया द्वारा पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए जाते हैं। अधिकतर बड़े मामलों में पुलिस सही तरीके से अपना पक्ष रखने में सफल नहीं हो पाती और एक रटा रटाया बयान नागरिकों को सुनने को मिलता है। इससे पुलिस की छवि भी प्रभावित होती है। ऐसे में पुलिस कमिश्नर की तरफ से पीआरओ टीम को बढ़ाया गया है।
पीआरओ संदीप कुमार के अलावा एएसआई अशोक कुमार को भी मीडिया में पुलिस का पक्ष रखने के लिए नियुक्त किया गया है। हालांकि कुछ साल पहले तक बड़े क्राइम की ब्रीफिंग डीसीपी स्तर के ऑफिसर द्वारा की जाती थी, लेकिन अब एएसआई स्तर के अधिकारी ही ब्रीफिंग करते हैं। जिससे कई बार सही तथ्य नागरिकों तक नहीं पहुंच पाते। दो पीआरओ की नियुक्ति इसी संदर्भ में देखी जा रही है कि नागरिकों तक सही तरीके से पुलिस का पक्ष पहुंच सकें।
पुलिस टीमें जांच कर रही वहीं रोहित शौकीन हत्याकांड को लेकर एसीपी मानेसर वीरेंद्र सैनी का कहना है कि हमलावरों और साजिशकर्ताओं का पता लगाने के लिए क्राइम ब्रांच की टीमें भी लगी हुई हैं। पुलिस जल्द ही हमलावरों को पकड़ लेगी। हम लेन देन के विवाद और सभी एंगल की जांच कर रहे हैं।

