गोरखपुर2 मिनट पहले
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भीषण गर्मी में जब लोगों को राहत देने के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति सबसे जरूरी है, तब गोरखपुर में बिजली विभाग की लापरवाही ने हालात और बदतर कर दिए हैं। धर्मपुर, रामजानकी नगर, इलाहीबाग, रुस्तमपुर, महादेव झारखंडी जैसे मोहल्लों में रात होते ही वोल्टेज इतना गिर जाता है कि पंखे चलना बंद हो जाते हैं और बल्ब भी टिमटिमाने लगते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली विभाग की यह लापरवाही नई नहीं है। लगातार शिकायतें करने के बावजूद विभाग कान में तेल डालकर बैठा है। सबसे शर्मनाक स्थिति तो यह है कि रात के समय जब सबसे ज्यादा जरूरत होती है, उस समय न तो सप्लाई सुधरती है और न ही कंट्रोल रूम का फोन उठाया जाता है। आम जनता बार-बार फोन लगाकर थक जाती है, लेकिन विभाग के कर्मचारी जवाब देना भी जरूरी नहीं समझते।

बिजली विभाग की “मेंटेनेंस नीति” भी अब जनता के लिए मजाक बन गई है। रोज सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक बिजली काट दी जाती है, लेकिन उसके बाद भी न तो वोल्टेज स्थिर होता है, न ही ट्रिपिंग रुकती है। साफ है कि या तो मेंटेनेंस हो ही नहीं रहा या फिर महज कागजों में दिखाया जा रहा है।
बिजली संकट के चलते लोगों की दिनचर्या पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गई है। बुजुर्ग, छोटे बच्चे और बीमार लोग सबसे ज्यादा परेशान हैं। भीषण गर्मी में न तो आराम से नींद आती है और न ही घरों में जरूरी काम हो पा रहे हैं।
लोग पूछ रहे हैं कि आखिर बिजली विभाग किसके भरोसे चल रहा है? जब समस्या की शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती, तो फिर जवाबदेही किसकी है? जनता अब सीधे तौर पर जिला प्रशासन से उम्मीद कर रही है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करे और जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। वरना यह बिजली संकट आने वाले दिनों में और भी गंभीर रूप ले सकता है।